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बिजनेस

‘पैकेजिंग की देश की अर्थव्यवस्था के विकास में प्रमुख भूमिका’

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नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)| पैकेजिंग की सर्वोच्च संस्था इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पैकेजिंग (आईआईपी) के तत्वावधान में पैकेजिंग उद्योग पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की शुरुआत शुक्रवार को हुई जिसमें विशेषज्ञों ने कहा कि पैकेजिंग की देश की अर्थव्यवस्था के विकास में प्रमुख भूमिका है।

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पैकेजिंग के निदेशक डॉ. एन. सी. साहा ने कहा, ग्लोबलाइजेशन के बढ़ते दौर में बाजार की यह मांग है कि पैकेजिंग से न सिर्फ क्वॉलिटी प्रोडक्ट्स की डिलिवरी हो, बल्कि इससे पर्यावरण पर भी कम से कम प्रभाव पड़े। इन्हीं कारकों के चलते एक विज्ञान के रूप में पैकेजिंग से अतिरिक्त उम्मीदें लगाई जा रही है।

उन्होंने कहा, पैकेजिंग इंडस्ट्री ने पैकेजिंग के कच्चे माल के अधिक से अधिक उत्पादन, अलग-अलग तरह की पैकेजिंग में इसके रूपांतरण और पैकेजिंग के विभिन्न रूपों के उपयोग ने देश की अर्थव्यवस्था को विशाल पैमाने पर प्रभावित किया है। इन्हीं सब बातों का ध्यान रखते हुए भारतीय और अंतरराष्ट्रीय पैकेजिंग विशेषज्ञों को एक मंच पर लाना पैकेजिंग इंडस्ट्री के लिए बेहद जरूरी है। इसके अलावा यह खास थीम ‘पैकेजिंग-द ग्रोथ ड्राइवर’ आज के संदर्भ में विशेष रूप से उपयुक्त है।

इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्देश्य उत्पादकता बढ़ाने और बबार्दी को रोकने के लिए विभिन्न पैकेजिंग मटीरियल, कन्वर्जन की तकनीकों और ऑटोमैटिक पैकेजिंग मशीनरी के आधुनिक ट्रेंड और तकनीकों को उभारना है। सम्मेलन में पैकेजिंग यूजर इंडस्ट्री की आवश्यकताएं पूरी करने, आधुनिक उपभोक्ताओं की मांग पूरी करने और उन्हें संतुष्ट करने पर भी ध्यान केंद्रित किया गया।

सम्मेलन के साथ-साथ रिसर्च कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य पैकेजिंग इंडस्ट्री में शोध कर रहे विभिन्न यूनिवर्सिटीज के युवा छात्रों को प्रोत्साहित करना था। इसके अलावा कॉन्क्लेव में भारतीय के साथ-साथ विदेशी यूनिवर्सिटीज के उन वैज्ञानिकों को अपने शोधपत्र पेश करने के लिए आमंत्रित किया गया, जिन्होंने पैकेजिंग सिस्टम के माध्यम से नए-नए पैकेजिंग मटीरियल को विकसित किया है। अन्य युवा वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को पैकेजिंग के विविध क्षेत्रों में आधुनिक शोध के लिए प्रेरित करने के मकसद से भी इस सम्मेलन का आयोजन किया गया।

सम्मेलन में शुक्रवार को रिसर्च पेपर पर एक पोस्टर सेशन भी आयोजित किया गया, जहां फूड टेक्नॉलजी, पॉलिमर टेक्नॉलजी, प्रिंटिंग टेक्नॉलजी और पैकेजिंग डिजाइन से जुड़ीं विभिन्न एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटीज के स्टूडेंट्स ने पैकेजिंग इंडस्ट्री के विभिन्न पहलुओं पर पोस्टरों का प्रदर्शन किया।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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