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मप्र में भाजपा वर्षगांठ पर बताएगी नोटबंदी के फायदे

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भोपाल, 30 अक्टूबर (आईएएनएस)| भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मध्य प्रदेश इकाई आठ नवंबर को कालाधन विरोधी दिवस मनाएगी। इस मौके पर सभी 56 जिला मुख्यालयों में कार्यक्रम होंगे और इस दौरान आमजन को नोटबंदी से हुए लाभ का ब्यौरा दिया जाएगा। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने सोमवार को यहां एक बयान जारी कर कहा कि आठ नवंबर, 2016 को हुई नोटबंदी के बाद आतंकवाद व नक्सली गतिविधियों पर लगाम लगी, भ्रष्टाचार में निरंतर कमी आई। पार्टी ऐसे सामाजिक लाभ से जन-जन को अवगत कराएगी।

उन्होंने कहा कि नोटबंदी से कालेधन के सृजन के स्रोत सूखे हैं और बैंकों में नकदी बढ़ी है। राजस्व संग्रह में इजाफा हुआ है, कालाधन विरोधी दिवस पर इन लाभों से जन-जन को अवगत कराया जाएगा।

चौहान ने सभी जिलाध्यक्षों से कहा है कि वे स्थानीय सुविधा के अनुसार छह से नौ नवंबर के बीच कालेधन के विरोध में नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी आमजन को दें।

उन्होंने आगे बताया कि कालाधन विरोधी दिवस पर बुद्धिजीवी सम्मेलन, विचार-गोष्ठी, रैली, जुलूस सहित अन्य कार्यक्रम विशेष आकर्षण होंगे।

चौहान ने कहा कि बीते वर्ष आठ नवंबर को नोटबंदी जैसा साहसिक कदम उठाकर देश में आर्थिक क्षेत्र में जो सुधार किया गया है, उसकी देश-विदेश में भी प्रशंसा हुई है।

उन्होंने आगे कहा कि राजग सरकार की कालेधन को खत्म करने की प्रतिबद्धता का प्रमाण इसी बात से मिलता है कि सत्ता में आते ही मोदी सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के उस आदेश का अनुपालन किया, जिसमें कालाधन पर रोक लगाने के लिए कहा गया था। केंद्र सरकार ने एसआईटी का गठन किया। बेनामी संपत्ति कानून की अधिसूचना जारी कर सख्ती से अमल शुरू किया।

चौहान ने कहा कि इसी कड़ी में देश में जीएसटी व्यवस्था आरंभ की गई, जिससे भारत आज विदेशी निवेशकों का पसंदीदा स्थान बन चुका है। इसी का नतीजा है कि देश में विदेशी मुद्रा भंडार और विदेशी निवेश का नया कीर्तिमान बना है।

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नेशनल

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर कही बड़ी बात

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कर्नाटक। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया जिनमें दावा किया गया था कि राज्य सरकार नौकरियों में मुस्लिम आरक्षण के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। उन्होंने रिपोर्टों को एक और नया झूठ बताया। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने एक बयान में स्पष्ट किया कि आरक्षण की मांग की गई है लेकिन इस संबंध में सरकार के समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। यह स्पष्टीकरण कर्नाटक में मुसलमानों के लिए आरक्षण के मुद्दे पर चल रहे विवाद के बीच आया है।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने जारी किया बयान

मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘कुछ मीडिया में रिपोर्ट प्रकाशित हुई है कि नौकरियों में मुसलमानों को आरक्षण देने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष है। इसमें कहा गया है कि मुस्लिम आरक्षण की मांग की गई है, हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि इस संबंध में सरकार के समक्ष कोई प्रस्ताव नहीं है।’

4% कोटा, जो श्रेणी-2बी के अंतर्गत आता, सार्वजनिक निर्माण अनुबंधों के लिए समग्र आरक्षण को 47% तक बढ़ा देता। कर्नाटक का वर्तमान आवंटन विशिष्ट सामाजिक समूहों के लिए सरकारी ठेकों का 43% आरक्षित रखता है: एससी/एसटी ठेकेदारों के लिए 24%, श्रेणी-1 ओबीसी के लिए 4%, और श्रेणी-2ए ओबीसी के लिए 15% है।

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने कहा कि सिद्धारमैया के राजनीतिक सचिव, नसीर अहमद, आवास और वक्फ मंत्री बीजे ज़मीर अहमद खान और अन्य मुस्लिम विधायकों के साथ, 24 अगस्त को एक पत्र प्रस्तुत किया था, जिसमें अनुबंधों में मुसलमानों के लिए 4% आरक्षण का अनुरोध किया गया था। उन्होंने आगे कहा कि सिद्धारमैया ने वित्त विभाग को उसी दिन प्रस्ताव की समीक्षा करने का निर्देश दिया था, कथित तौर पर उन्होंने इस मामले से संबंधित कर्नाटक सार्वजनिक खरीद पारदर्शिता (केटीपीपी) अधिनियम में संशोधन का भी समर्थन किया था।

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