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खेल-कूद

रणजी ट्रॉफी : मयंक अग्रवाल के तिहरे से महाराष्ट्र बैकफुट पर

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नई दिल्ली, 3 नवंबर (आईएएनएस)| मयंक अग्रवाल (नाबाद 304) के पहले तिहरे शतक के दम पर कर्नाटक ने रणजी ट्रॉफी ग्रुप-ए के मैच में महाराष्ट्र को बैकफुट पर धकेल दिया है। महाराष्ट्र की पहली पारी के स्कोर 245 रनों के जबाव में कर्नाटक ने अपनी पहली पारी तीसरे दिन शुक्रवार को पांच विकेट के नुकसान पर 628 रनों पर घोषित कर दी। दिन का खेल खत्म होने तक कर्नाटक ने महाराष्ट्र के चार विकेट 135 रनों पर ही चटका कर जीत की तरफ कदम बढ़ा लिए हैं।

अपने दूसरे दिन के स्कोर दो विकेट के नुकसान पर 461 रनों से आगे खेलने उतरी कर्नाटक के लिए नाबाद बल्लेबाज मयंक अग्रवाल और कप्तान करुण नायर (116) ने बिना किसी परेशानी के लिए टीम का स्कोरबोर्ड आगे बढ़ाया। कप्तान को शतक लगाने के बाद 589 के कुल स्कोर पर चिराग खुराना ने अंकित बवाना के हाथों कैच कराया। नायर ने 256 गेंदों की पारी में 13 चौके जड़े।

मयंक का तिहरा पूरा होते ही कर्नाटक ने अपनी पारी घोषित कर दी। मयंक ने अपनी नाबाद पारी में 494 गेंदें खेलीं और 28 चौकों सहित चार छक्के मारे।

विशाल चुनौती का पीछा करने उतरी महाराष्ट्र को 10 के कुल स्कोर पर ही स्वप्निल गुगाले के रूप में पहला झटका लगा। वह अपना खाता भी नहीं खोल पाए। हर्षद खादिवाले (19) 27 के कुल स्कोर पर आउट हुए। महाराष्ट्र लगातार विकेट खोती रही। ऋतुराज गायकवाड़ (नाबाद 61) ही अभी तक कर्नाटक के गेंदबाजों का सामना कर सके हैं।

वहीं ग्रुप-सी के मैच में मुंबई ने ओडिशा के खिलाफ जीत की और कदम बढ़ा दिए हैं। मुंबई ने अपनी विपक्षी टीम के सामने 413 रनों का लक्ष्य रखा है। तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक ओडिशा ने अपने चार विकेट 93 रनों पर ही खो दिए हैं।

मुंबई ने तीसरे दिन का खेल तीन विकेट के नुकसान पर 58 रनों से शुरू किया। सिद्देश लाड की 153 गेंदों में 16 चौके तथा एक छक्के की मदद से खेली गई 117 रनों की बदौलत मुंबई ने अपनी दूसरी पारी नौ विकेट पर 268 रनों पर घोषित कर दी।

बड़े लक्ष्य के सामने ओडिशा की टीम लड़खड़ा गई। 13 के कुल स्कोर पर ही उसने संदीप पटनाइक का विकेट खो दिया। यहां से टीम संभल नहीं सकी और मुंबई ने उसके पांच विकेट लेकर अपनी एक और जीत की ओर कदम बढ़ा दिए हैं। दिन का खेल खत्म होने तक ओडिश के कप्तान गोविंद पोडार 48 रनों पर नाबाद लौटे।

ग्रुप-डी के मैच में पंजाब ने छत्तीसगढ़ के खिलाफ शिकंजा कस लिया है। पंजाब ने छत्तीसगढ़ के पहली पारी के स्कोर 238 रनों के जवाब मे अपनी पहली पारी नौ विकेट के नुकसान पर 653 रनों पर घोषित कर दी।

पंजाब को इस स्कोर तक पहुंचाने में अनमोलप्रीत सिंह के 267 रनों का अहम योगदान रहा। उनके अलावा गुरकीरत सिंह ने 111 रनों की पारी खेली। अपने दूसरे दिन के स्कोर छह विकेट के नुकसान पर 481 रनों से आगे खेलने उतरी पंजाब को अनमोलप्रीत ने विशाल स्कोर तक पहुंचाया। उन्होंने तीसरे दिन अपना दोहरा शतक पूरा किया। अंत में विनय चौधरी ने 49 रनों की अहरम पारी खेलते हुए अनमोलप्रीत का अच्छा साथ दिया।

अनमोलप्रीत के आउट होते ही पंजाब के कप्तान जीवनजोत ने पारी घोषित कर दी। अनमोलप्रीत ने 262 गेंदों का सामना किया और 32 चौके तथा चार छक्के लगाए।

छत्तीसगढ़ ने 12 के कुल स्कोर पर मनोज सिंह (2) को खो दिया। हालांकि इसके बाद दिन का खेल खत्म होने तक नाबाद लौटने वाले आशुतोष सिंह ने अभिमन्यू चौहान (36) का साथ दिया और टीम का स्कोर 62 पहुंचाया। अभिमन्यू संदीप शर्मा का शिकार बने।

आशुतोष 157 गेंदों में 13 चौकों की मदद से 81 रनों पर नाबाद लौटे।

पंजाब के लिए संदीप और बरिंदर सरन सिंह ने दो-दो विकेट लिए।

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खेल-कूद

IPL Auction: 13 साल के वैभव सूर्यवंशी ने रचा इतिहास, बन गए सबसे युवा करोड़पति

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पटना। बिहार के वैभव सूर्यवंशी ने महज 13 साल की उम्र में इतिहास रच दिया है। वैभव को आईपीएल मेगा नीलामी में राजस्थान रॉयल्स ने 1.1 करोड़ रुपये में खरीद लिया है। 13 साल 243 दिन की उम्र में वैभव आईपीएल के इतिहास में सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए। रॉयल्स और दिल्ली कैपिटल्स उन्हें अपने साथ जोड़ने में दिलचस्पी दिखाई। राजस्थान ने 1.1 करोड़ रुपये में अपने साथ जोड़ा।

वैभव ने हाल ही में सबका ध्यान अपनी ओर खींचा जब वह अंतरराष्ट्रीय शतक बनाने वाले सबसे युवा बल्लेबाज (13 वर्ष, 288 दिन) बने। उन्होंने चेन्नई में ऑस्ट्रेलिया अंडर-19 के खिलाफ भारत अंडर-19 के लिए खेले गए यूथ टेस्ट में 62 गेंदों पर 104 रन बनाए। बाएं हाथ के इस खिलाड़ी ने 58 गेंदों पर शतक बनाया। यह किसी भारतीय का सबसे तेज यूथ टेस्ट शतक और दुनिया में दूसरा सबसे तेज शतक था।

वैभव एक बेहतरीन खिलाड़ी है और उम्मीद जताई जा रही है कि 2025 आईपीएल में वह जबरदस्त प्रदर्शन करेंगे। वैभव की बात करें तो वह बिहार के समस्तीपुर जिले के रहने वाले हैं। महज 13 साल के बेटे के करोड़पति बनने के बाद उनके पिता भावुक नजर आ रहे हैं।

एक मीडिया चैनल को दिए गए इंटरव्यू में वैभव के पिता संजीव सूर्यवंशी ने कहा कि अपने बेटे के सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने बहुत कुछ किया। अपनी खेती तक की जमीन बेच दी ताकि वैभव क्रिकेट खेल सके और अपना करियर बना सके। वैभव के बारे में बात करते हुए पिता ने बताया कि उसे हमेशा से क्रिकेट में रूचि थी और वह महज 5 साल का था, तब से क्रिकेट खेल रहा है। वैभव को उनके पिता ने ही घर में नेट प्रैक्टिस करवाई, जिसके बागद समस्तीपुर क्रिकेट एकेडमी भेजा। उनके पिता ने बेटे की कामयाबी के लिए बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश तिवारी का भी शुक्रिया किया।

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