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खेल-कूद

एआईबीए युवा महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप का लोगो और शुभंकर लांच

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गुवाहाटी, 6 नवंबर (आईएएनएस)| दुनिया भर में मशहूर असम के एक सींग वाले गैंडे को सोमवार को यहां एक रंगारंग कार्यक्रम में 2017 एआईबीए युवा महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप का आधिकारिक शुभंकर चुना गया। मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल और भारतीय मुक्केबाजी महासंघ के अध्यक्ष अजय सिंह ने चैम्पियनशिप का आधिकारिक लोगो और गान (एंथम) लांच किया। इसी के साथ 19 से 26 नवम्बर तक असम की राजधानी में होने वाले इस आयोजन का काउंटडाउन शुरू हो गया।

सोनोवाल ने खासतौर पर इस आयोजन को लेकर खुशी जताई क्योंकि वह मानते हैं कि यहां आने वाले मुक्केबाजों और प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, विविध वन्यजीवों और प्राकृतिक सुंदरता को देखने और अनुभव करने का मौका मिलेगा।

इस आयोजन के लिए चुने गए आधिकारिक शुभंकर को ‘गुप्पी’ नाम दिया गया है। यह असम में पाए जाने वाले एक सींग वाले गेंडे का मादा वर्जन है। यह शक्ति और धैर्य का प्रतीक है और भारतीय महिलाओं को इसी रूप में जाना जाता है। साथ ही ये गुण मुक्केबाजी से भी काफी हद तक जुड़ा हुआ है।

इस आयोजन का लोगो दो विशेषताओं पर प्रकाश डालता है। पहला-महिला मुक्केबाज के तौर पर भारतीय नारी की शक्ति और दूसरा-हाथों से बनाए जाने वाले कपड़े के टुकड़े ‘गामोसा’ के रूप में यहां की संस्कृति। गामोसा में भारतीय तिरंगे के तीन रंगों-सफेद, हरे और केसरिया का शानदार मिश्रण होता है।

विश्व चैम्पियनशिप का आधिकारिक एंथम (गान)-मेक सम नॉइज सबको पसंद आया है। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने भी इसे काफी पसंद किया। यही नहीं, भारतीय दल के परफार्मेस डाइरेक्टर बेर्गामास्को रफाएल तथा मुख्य कोच भास्कर भट्ट को भी यह काफी पसंद आया है।

इस अवसर पर बीएफआई प्रमुख अजय सिंह ने कहा, मैं मुख्यमंत्री और असम सरकार को चैम्पियनशिप के लिए प्रदान किए जा रहे समर्थन के लिए धन्यवाद देना चाहूंगा। असम ने हमेशा से मुक्केबाजों और मुक्केबाजी आयोजनों को सहयोग और समर्थन दिया है और और यही कारण है कि देश के कुछ श्रेष्ठ मुक्केबाज इस राज्य से आते हैं।

असम सरकार ने विश्व चैम्पियनशिप के लिए खास तैयारी की है। इसके लिए विश्व स्तरीय एरेना बनाया गया है। खिलाड़ियों के लिए शानदार लॉकर रूम्स और चेंजिंग रूम्स बनाए गए हैं। साथ ही यहां एक अत्याधुनिक जिम भी बनाया गया है।

इस चैम्पियनशिप में 20 सदस्यीय भारतीय दल हिस्सा ले रहा है और सोमवार को आयोजित समारोह में इनका सम्मान किया गया।

बीएफआई अध्यक्ष ने कहा, ये युवा महिलाएं हमारी भविष्य की चैम्पियन है। इन सबने काफी कठिन मेहनत की है और मुझे यकीन है कि ये अपने देश का मान बढ़ाएंगी।

इस नाकआउट चैम्पियनशिप में 38 देशों के 16 से 17 आयु वर्ग की 200 मुक्केबाज हिस्सा लेंगी। प्रीलिम टूर्नामेंट का आयोजन 19 से 22 नवम्बर के बीच होगा और फिर 24-25 नवम्बर को सेमीफाइनल खेले जाएंगे। फाइनल 26 नवम्बर को होना है।

10 विभिन्न वजन वर्ग में 176 मुकाबले होंगे तथा इस दौरान कुल 40 पदकों के लिए होड़ लगेगी। इनमें 10 स्वर्ण, 10 रजत और 20 कांस्य हैं। साथ ही इसमें हिस्सा लेने वाले मुक्केबाज 2018 में ब्यूनस आयर्स में होने वाले यूथ ओलम्पिक के लिए योग्यता हासिल करने का प्रयास करेंगी।

टूर्नामेंट का उद्घाटन समारोह 19 नवम्बर को मौलाना मोहम्मद तैबुल्ला हॉकी स्टेडियम में होगा।

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खेल-कूद

IPL Auction: 13 साल के वैभव सूर्यवंशी ने रचा इतिहास, बन गए सबसे युवा करोड़पति

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पटना। बिहार के वैभव सूर्यवंशी ने महज 13 साल की उम्र में इतिहास रच दिया है। वैभव को आईपीएल मेगा नीलामी में राजस्थान रॉयल्स ने 1.1 करोड़ रुपये में खरीद लिया है। 13 साल 243 दिन की उम्र में वैभव आईपीएल के इतिहास में सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए। रॉयल्स और दिल्ली कैपिटल्स उन्हें अपने साथ जोड़ने में दिलचस्पी दिखाई। राजस्थान ने 1.1 करोड़ रुपये में अपने साथ जोड़ा।

वैभव ने हाल ही में सबका ध्यान अपनी ओर खींचा जब वह अंतरराष्ट्रीय शतक बनाने वाले सबसे युवा बल्लेबाज (13 वर्ष, 288 दिन) बने। उन्होंने चेन्नई में ऑस्ट्रेलिया अंडर-19 के खिलाफ भारत अंडर-19 के लिए खेले गए यूथ टेस्ट में 62 गेंदों पर 104 रन बनाए। बाएं हाथ के इस खिलाड़ी ने 58 गेंदों पर शतक बनाया। यह किसी भारतीय का सबसे तेज यूथ टेस्ट शतक और दुनिया में दूसरा सबसे तेज शतक था।

वैभव एक बेहतरीन खिलाड़ी है और उम्मीद जताई जा रही है कि 2025 आईपीएल में वह जबरदस्त प्रदर्शन करेंगे। वैभव की बात करें तो वह बिहार के समस्तीपुर जिले के रहने वाले हैं। महज 13 साल के बेटे के करोड़पति बनने के बाद उनके पिता भावुक नजर आ रहे हैं।

एक मीडिया चैनल को दिए गए इंटरव्यू में वैभव के पिता संजीव सूर्यवंशी ने कहा कि अपने बेटे के सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने बहुत कुछ किया। अपनी खेती तक की जमीन बेच दी ताकि वैभव क्रिकेट खेल सके और अपना करियर बना सके। वैभव के बारे में बात करते हुए पिता ने बताया कि उसे हमेशा से क्रिकेट में रूचि थी और वह महज 5 साल का था, तब से क्रिकेट खेल रहा है। वैभव को उनके पिता ने ही घर में नेट प्रैक्टिस करवाई, जिसके बागद समस्तीपुर क्रिकेट एकेडमी भेजा। उनके पिता ने बेटे की कामयाबी के लिए बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश तिवारी का भी शुक्रिया किया।

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