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उप्र : विद्यालयों में फीस वृद्धि पर नकेल कसने की कवायद शुरू

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लखनऊ, 8 नवम्बर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विद्यालयों में मनमानी फीस वृद्धि पर अंकुश लगाने की कवायद शुरू कर दी है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मानें तो फीस वृद्धि पर अंकुश लगाने के लिए अब सरकार स्कूलों के साथ ही जनता से भी राय लेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों को यह निर्देश दिए हैं। विभाग की ओर से मंगलवार देर रात को विधेयक का प्रारूप मुख्यमंत्री के समक्ष प्रदर्शित किया गया।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि ऐसा प्रस्ताव तैयार किया जाए, जिसमें न छात्रों का शोषण हो और न ही स्कूलों का अहित। नगरीय निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी होने के कारण प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू है, लिहाजा फीस नियंत्रण विधेयक पर रायशुमारी के लिए विभाग इस बाबत राज्य निर्वाचन आयोग से मंजूरी लेगा।

अधिकारियों की माने तो निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूली पर लगाम कसने के लिए राज्य सरकार की ओर से उप्र स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क का विनियमन) विधेयक, 2017 का ड्राफ्ट तैयार किया गया है। इसके मुताबिक निजी स्कूलों में साल दर साल होने वाली फीस वृद्धि का आधार उपभोक्ता मूल्य सूचकांक होगा।

आगामी शैक्षिक सत्र की फीस तय करने के लिए प्रत्येक स्कूल कक्षावार छात्रों की संख्या के आधार पर ताजा उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में फीस का पांच फीसदी जोड़ते हुए शुल्क वृद्धि कर सकेगा।

शर्त यह होगी कि इस तरह से निर्धारित की गई फीस स्कूल के शिक्षकों व कर्मचारियों की मासिक प्रति व्यक्ति आय में हुई वृद्धि के औसत से अधिक नहीं होगी। स्कूल के परिसर में आयोजित व्यावसायिक गतिविधियों से होने वाली आय को स्कूल की आमदनी माना जाएगा और फीस में बढ़ोतरी आय और व्यय के समानुपाती होगी।

अधिकारियों की माने तो छात्र या उनके अभिभावक या अभिभावक संघ से मिलने वाली शिकायतों के निस्तारण के लिए मंडलायुक्त की अध्यक्षता में जोनल शुल्क विनियामक समिति का गठन किया जाएगा। उसके फैसले से असहमति होने पर पक्षकार राज्य स्ववित्तपोषित विद्यालय प्राधिकरण में अपील कर सकेंगे।

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नेशनल

महाराष्ट्र के CM एकनाथ शिंदे ने दिया इस्तीफा, क्या फडणवीस के सिर सजेगा ताज ?

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मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने राज्यपाल राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन को अपना इस्तीफा सौंपा है। इस दौरान डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार भी मौजूद थे। विधानसभा का कार्यकाल आज यानी 26 नवंबर तक ही है। नए मुख्यमंत्री की शपथ की तारीख तय नहीं है। तब तक शिंदे कार्यवाहक सीएम रहेंगे।

इस बीच महाराष्ट्र में अगली सरकार के गठन की रूपरेखा लेकर चर्चा तेज हो गई है। खबर है कि गृह मंत्री अमित शाह मंगलवार को देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात कर सकते हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले ‘महायुति’ गठबंधन ने 288 सदस्यीय विधानसभा में 235 सीट हासिल की हैं। जिसमें बाजेपी अकेली 135 सीटों पर कब्जा कर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

बीजेपी की महाराष्ट्र में ये अब तक की सबसे बड़ी जीत है। शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 57 सीट पर जीत हासिल की और अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा ने 41 सीट पर जीत दर्ज की है। मौजूदा उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सीएम की रेस में सबसे आगे चल रहे है।

 

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