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ऑफ़बीट

प्रेमी नहीं पिशाच है ये आदमी, लड़की को डेट पर बुलाकर खा गया कान, आंख और प्राइवेट पार्ट

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आजकल ऑनलाइन सोशल साइट्स से दोस्ती का प्रचलन बढ़ता जा रहा है है। लेकिन कई बार अनजान व्यक्ति के साथ संबंध बनाना घातक भी हो जाता है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है रूस की यह भयानक घटना।

सोशल नेटवर्किंग से दोस्त बने एक व्यक्ति ने महिला को डेट पर बुला कर उस पर जानलेवा हमला कर दिया।

जानकारी के अनुसार रुस के एक शहर में रहने वाली नर्स की ऑनलाइन सोशल नेटवर्किंग से अनातोली येजुकोव  नामक व्यक्ति से दोस्ती हुई और बातचीत का सिलसिला प्रेम में बदल गया

वही मीडिया रिपोर्ट की माने तो  अनातोली ने प्रेम का वास्ता देकर तामारा नाम की महिला को अपने हॉस्टल रुम बुलाया। जहां उन्होंने रात के खाने के साथ ड्रिंक की व्यवस्था की । लेकिन खाने-पीने के बाद उस व्यक्ति ने पीड़िता को मारना शुरू कर दिया। पुलिस ने अनुसार, उसकी हैवानियत की हद यहीं नहीं रुकी।

उसने महिला को दातों से काटने के साथ ही उसके आंख, कान और होठों पर दांत से काटकर खाना शुरु कर दिया। शरीर के लगभग सभी प्राइवेट हिस्सों पर काटने के साथ ही उसने पीड़िता को जान से मारने की कोशिश की। उसने महिला के पीठ की हड्डी पर दांत से काट लिया।

इस संघर्ष के दौरान तामारा ने बचने की भरपूर कोशिश की। उसके चिल्लाने की आवाज को सुनकर पड़ोसियों ने पुलिस को सूचित किया जिससे पीड़िता को बचाया जा सका। हालांकि जब तक पुलिस पीड़िता को बचाकर हॉस्पिटल ले जाती तब-तक वह बुरी तरह से घायल हो चुकी थी।

फ़िलहाल  आरोपी अनातोली को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया।

 

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बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन

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चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.

लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.

महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’

राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”

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