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लड़की ने चलती कैब में ड्राइवर संग की ऐसी शर्मनाक हरकत, हो गई ब्लैकलिस्ट

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अक्सर मीडिया में सुर्खियां बनती हैं कि किसी कैब चालक ने अपनी महिला सवारी के साथ बदसलूकी की लेकिन कभी-कभी कुछ खबरें बिल्कुल विपरीत होती हैं। मतलब कि कोई महिला सवारी अपने कैब ड्राइवर के साथ ही शर्मनाक काम कर डाले।

इसकी पुष्टि पिछले कुछ सुमय से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा एक ऐसा ही कर रहा है, जिसमें कैब के अंदर बैठी लडक़ी ऐसी हरकत कर बैठी जिससे उसे दुनिया के सामने शर्मिंदा होना पड़ रहा है। मामला अमेरिका के ब्रुकलिन शहर का है। इस केस में कैब उबर कंपनी की थी। घटना के बाद उबर ने उस लडक़ी का नाम ब्लैक लिस्ट में डाल दिया है और पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई है।

दरअसल इस वीडियो में साफ दिखाई पड़ता है कि कैब के पीछे की सीट पर दो लड़कियां और एक लडक़ा बैठा हुआ है और ड्राइवर कैब चला रहा है। तभी बीच में बैठी हुई लडक़ी कैब में रखे टिप बॉक्स में पैसे चुराती है और एक जगह कैब रुकने पर तीनों सवारी चुपचाप कैब से निकल कर भाग जाते हैं। इन लोगों की यह शर्मनाक हरकत गाड़ी में लगे कैमरे में भी कैद हो गई। पुलिस अब वीडियो के आधार पर लडकियों की तलाश में जुटी हुई है।

किसी तरह यह वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया, जिसके बाद लडक़ी की पहचान हो गई। मीडिया रिपोट्र्स के अनुसार लडक़ी का नाम गैब्रिएल है। कैब सर्विस प्रोवाइडर उबर ने इस लडक़ी का नाम अपनी ब्लैकलिस्ट में डाल दिया है।

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बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन

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चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.

लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.

महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’

राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”

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