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एनजीटी की सशर्त मंजूरी पर दिल्ली सरकार ने सम-विषम योजना टाली

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नई दिल्ली, 11 नवंबर (आईएएनएस)| राष्ट्रीय राजधानी में हवा के दमघोंटू हो जाने के बाद सम-विषम (ऑड-ईवन) योजना सोमवार से लागू होनी थी, लेकिन राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने पहले तो मंजूरी नहीं दी, बाद में यह शर्त लगाकर मंजूरी दी कि किसी को छूट न दी जाए। इस पर दिल्ली सरकार ने इस योजना को सोमवार से लागू न कर आगे के लिए टाल दिया। दिल्ली सरकार ने महिलाओं और दुपहिया वाहनों को छूट देने का प्रावधान रखा था, जो एनजीटी को मंजूर नहीं है।

अरविंद केजरीवाल सरकार ने कहा कि वह सोमवार को दोबारा ग्रीन कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी और महिलाओं व दुपहिया वाहनों को छूट देने के लिए कहेगी। अगर एनजीटी मान जाता है, तभी सरकार इसे लागू करने पर विचार करेगी।

दिल्ली सरकार सम-विषम योजना 13 से 17 नवंबर तक लागू रखने का ऐलान किया था, जिस पर फिलहाल ग्रहण लग गया है।

एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार ने कहा, सम-विषम योजना में केवल आपातकालीन वाहनों को ही छूट दी जाए। इसके आलावा महिलाओं, दुपहिया वाहनों और सरकारी कर्मचारियों को किसी तरह की रियायत नहीं दी जाए।

उन्होंने आगे कहा कि केवल दमकल गाड़ियों, एंबुलेंस और ठोस अपशिष्ट ले जाने वाले वाहनों जैसे ‘आपातकालीन वाहनों’ को ही छूट दी जाए।

एनजीटी के इस आदेश के तीन घंटे बाद ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आपात बैठक बुलाई और ‘महिलाओं की सुरक्षा’ व ‘अपर्याप्त सार्वजनिक परिवहन’ की चिंता दर्शाते हुए महिलाओं और दुपहिया वाहनों को छूट दिए बिना सम-विषम योजना को लागू करने से इनकार कर दिया।

दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा, हम शर्तो के साथ इस योजना को लागू नहीं करेंगे। हम दोबारा एनजीटी के पास जाएंगे और उन्हें महिलाओं और दुपहिया वाहनों को छूट देने के लिए कहेंगे।

उन्होंने कहा, महिलाओं की सुरक्षा और बचाव हमारी सरकार की प्रमुख प्राथमिकताओं में है, हम इस पर समझौता नहीं कर सकते।

दिल्ली सरकार ने एक बयान में कहा, इसके अलावा, सरकार यह महसूस करती है कि दिल्ली में बड़ी संख्या में दुपहिया वाहनों की जगह लेने के लिए पर्याप्त संख्या में बसें उपलब्ध नहीं हैं, सम-विषम को लागू करना ऐसे व्यक्तियों के लिए बड़ी कठिनाई का सबब बन सकता है। इस स्तर पर इतनी बड़ी संख्या में बसों की व्यवस्था करना संभव नहीं है।

एनजीटी ने यह भी कहा कि भविष्य में प्रदूषण बढ़ने यानी हवा में पीएम2.5 का स्तर 300 से ऊपर और पीएम10 का स्तर 500 से ऊपर होने की स्थिति में सम-विषम योजना स्वत: लागू हो जाएगी।

–आईएएनएस

दरअसल दिल्ली की वायु गुणवत्ता बद से बदतर हो जाने के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के तहत पर्यावरण प्रदूषण निवारण और नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) को नियुक्त किया था।

ग्रीन कोर्ट ने शनिवार को सम-विषम योजना को शुरू करने का आदेश दिया था और राज्य सरकार से पाकिर्ंग शुल्क में चार गुना बढ़ोतरी पर पुनर्विचार करने के लिए कहा। ट्रिब्यूनल ने उन सभी छूटों को अस्वीकार कर दिया जो राज्य सरकार ने जनवरी और अप्रैल 2016 में सम-विषम योजना के दौरान दिए थे।

पिछले साल महिलाओं, दुपहिया वाहनों, स्कूल बसों और वीवीआईपी को छूट दी गई थी।

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नेशनल

5.6 मिलियन फॉलोअर्स वाले एजाज खान को मिले महज 155 वोट, नोटा से भी रह गए काफी पीछे

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मुंबई। टीवी एक्टर और पूर्व बिग बॉस कंटेस्टेंट एजाज खान इस बार महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने उतरे थे। हालांकि जो परिणाम आए हैं उसकी उन्होंने सपने में भी उम्मीद नहीं की होगी। एजाज आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के टिकट पर वर्सोवा सीट से चुनावी मैदान में उतरे थे लेकिन उन्होंने अभी तक केवल 155 वोट ही हासिल किए हैं।

आपको जानकर हैरानी होगी कि नोटा को भी 1298 वोट मिल चुके हैं। इस सीट से शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के हारून खान बढ़त बनाए हुए हैं जिन्हें अबतक करीब 65 हजार वोट मिल चुके हैं।

बता दें कि ये वहीं एजाज खान हैं जिनके सोशल मीडिया पर 5.6 मिलियन फॉलोअर्स हैं। ऐसे में बड़ी ही हैरानी की बात है कि उनके इतने चाहने वाले होने के बावजूद भी  1000 वोट भी हासिल नहीं कर पाए। केवल 155 वोट के साथ उन्हें करारा झटका लगा है।

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