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अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिका पर आईएस को मदद करने का रूस का आरोप

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मॉस्को, 15 नवंबर (आईएएनएस)| रूस के रक्षा मंत्रालय ने एक पोस्ट किया है, जिसे अमेरिका द्वारा इस्लामिक स्टेट (आईएस) को सहायता पहुंचाने के तौर पर ‘निरुत्तर कर देने वाला सबूत’ नाम दिया है। लेकिन उनमें से एक तस्वीर वास्तव में एक वीडियो गेम से ली गई है। बीबीसी की रपट के मुताबिक, मंत्रालय ने मंगलवार को दावा किया कि तस्वीर में अमेरिकी सुरक्षा बल समर्थित आईएस के एक काफिले को पिछले हफ्ते एक सीरियाई शहर को छोड़कर जाते दिखाया गया है।

इसके एक स्मार्टफोन गेम ‘एसी-130 गनशिप सिम्युलेटर : स्पेशल ओपीएस स्क्वाड्रन’ से आने पर मंत्रालय ने कहा कि एक कर्मचारी ने गलती से फोटो संलग्न कर दी।

कॉन्फ्लिक्ट इंटेलिजेंस टीम के तथ्य की जांच कर रहे समूह ने कहा है कि अन्य चार उपलब्ध तस्वीरें भी गलत हैं, जो जून 2016 के एक वीडियो से ली गई हैं, जिसमें इराकी वायुसेना को इराक में आईएस पर हमला करते दिखाया गया है।

हालांकि, तस्वीर के कोने में डेवलपर की ओर से स्पष्टीकरण लिखा देखा जा सकता है कि, फूटेज डेवलप हो रहा है। यह काम प्रगति में हैं। मौजूद कंटेंट में बदलाव होना है।

इसके कुछ समय बाद मंत्रालय ने अलग तस्वीरों के साथ एक नया बयान जारी किया, जिसमें कहा गया है कि यह उनके दावों की पुष्टि करती है।

इसमें फिर दावा किया गया है कि यह पुख्ता सबूत है कि अमेरिका वास्तव में मध्य पूर्व में अपना हित साधने के लिए आईएस लड़ाकों की मदद कर रहा है।

रूस ने आरोप लगाया है कि अमेरिका आईएस आतंकवादियों को भागने में मदद कर कथित इस्लामिक स्टेट की मदद कर रहा है। एक फेसबुक पोस्ट में मंत्रालय ने कहा है कि इसने सीरियाई सेना के साथ पिछले हफ्ते अबु कमाल शहर को मुक्त कराया।

बयान में कहा गया है कि अमेरिकी नेतृत्व वाले गठबंधन ने भाग रहे आईएस काफिले को नेस्तनाबूद करने में सहयोग करने के अनुरोध को ठुकरा दिया।

रूस ने यह भी आरोप लगाया है कि अमेरिकी नेतृत्व वाली गठबंधन सेना रूस के हमला संभावित क्षेत्रों में हस्तक्षेप कर हवाई हमले संचालित कर रही है।

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अन्तर्राष्ट्रीय

पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।

इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।

जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।

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