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आईआईआईटीएम-के छात्रों ने जीता हैकथॉन में नीति आयोग पुरस्कार

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नई दिल्ली, 22 नवंबर (आईएएनएस)| तिरुवनंतपुरम स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फोर्मेशन टैक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट-केरल (आईआईआईटीएम-के) के छात्रों की एक टीम को प्रतिष्ठित नीति आयोग पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

यह पुरस्कार आईआईटी, नई दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय ब्लॉकचेन हैकथॉन के पहले संस्करण में प्रदान किया गया। अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉकचेन हैकथॉन का आयोजन भारत सरकार के पॉलिसी थिंक टैंक, नीति आयोग और हार्वर्ड स्थित ब्लॉकचेन स्टार्टअप प्रोफर ने संयुक्त रूप से 10 से 13 नवंबर तक किया।

आईआईआईटीएम की टीम में निखिल वी. चन्द्रन, आदर्श एस. और अनूप वी.एस. शामिल थे। यह टीम इंडिया चेन श्रेणी में विजेता बनी। उनकी प्रविष्टि एग्रोचेन थी जिसके लिए टीम को पुरस्कार हासिल हुआ। यह एक ब्लॉक-चेन आधारित पारदर्शी बाजार है जहां किसान और उपभोक्ता सहकारी कृषि पद्धति को लागू कर सकते हैं।

एग्रोचेन में, किसान डिस्ट्रिब्यूटेड पब्लिक लेजर में खेत में संभावित फसलों और संभावित उपज को डाल सकते हैं। उपभोक्ता पिछली उपज और आपूर्ति के आधार पर विवरण को देख सकते हैं और किसान की विश्वसनीयता की जांच कर सकते हैं। इससे खेत के उत्पादों के लिए एक पारदर्शी और गड़बड़ी की आशंका से मुक्त डिजिटल मार्केट प्लेटफॉर्म बनता है।

ऐसी प्रणाली, किसान और उपभोक्ता के बीच संधि की सुविधा भी प्रदान कर सकती है। यह उपभोक्ता को व्यक्तिगत फसलों या खेत के लिए फंड जुटाने में मदद करेगी। इसकी मदद से खेतों से उपज प्राप्त की जा सकेगी या उसके बाजार मूल्य के मुनाफे को प्राप्त किया जा सकेगा। यह कृषि बाजार में पिछले अनुभवों के आधार पर किसान और उपभोक्ता की विश्वसनीयता बनाने के लिए एक मूल्यांकन तंत्र होगा।

इस आयोजन में, 28 देशों के 1900 से अधिक छात्रों और युवा प्रोफेशनलों ने भाग लिया।

माइक्रोसॉफ्ट, आईबीएम, एक्सेल, कॉनबेस और अमेजन एडब्ल्यूएस ने सरकार/एंटरप्राइज इन्फ्रास्ट्रक्च र, फाइनेंस, एनर्जी मार्केट, सप्लाई चेन, विकेंद्रीकृत आधार पहचान और सूचना आदान-प्रदान में समस्याओं को संबोधित करने वाले शीर्ष पांच ब्लॉकचेन-आधारित अनुप्रयोगों के लिए 17,000 डॉलर के पुरस्कारों को प्रायोजित किया।

कॉनबेस, आईबीएम, माइक्रोसॉफ्ट, हार्वर्ड, बूस्टवीसी और भारत सरकार के जजों के पैनल ने परियोजनाओं का मूल्यांकन किया। एमआईटी, हार्वर्ड, स्टैनफोर्ड, ऑक्सफोर्ड, कैम्ब्रिज, आईआईटी और दुनिया भर के शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थानों के करीब 93 प्रतिभागियों ने परियोजनाओं को प्रस्तुत किया। हैकथॉन का उद्देश्य मुद्रा उपयोग के मामलों से परे यह देखना था कि ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी सरकारों, अर्थव्यवस्थाओं, व्यवसायों और व्यक्तियों के बीच किस प्रकार अंतर कर सकती है।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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