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बिजनेस

जीईएस में 13 वर्षीय उद्यमी हमीश बना आकर्षण का केंद्र

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हैदराबाद, 28 नवंबर (आईएएनएस)| वैश्विक उद्यमिता सम्मेलन (जीईएस) में पहुंचे कारोबार जगत के 1,500 नुमाइंदों के बीच महज 13 साल का एक कारोबारी आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

यह सम्मेलन मंगलवार को हैदराबाद में शुरू हुआ। आस्ट्रेलिया का एप डेवलपर हमीश फिनलेसन इस सम्मेलन में सबसे कम उम्र का कारोबारी है। वह स्वलीन (ऑटिस्टिक) है, मतलब ऐसे रोग से ग्रसित है जिसमें बच्चा अपने आप में खोया रहता है। लेकिन इससे उसके काम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है और उसने पांच एप्स बनाए हैं, जिनमें एक एप ऐसा है, जो ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसॉर्डर (एएसडी) से पीड़ित मरीजों की मदद करने में सहायक है।

आईएएनएस से बातचीत में लड़के ने बताया कि उसने ट्रिपल टी एंड एएसडी एप लाया है, जिसमें डे-टु-डे टिप्स हैं, जिनसे ऑटिज्म से पीड़ित लोगों को मदद मिलती है और ऑटिज्म की जानकारी के इच्छुक लोग भी इससे फायदा उठा सकते हैं।

क्वींसलैंड से आया सातवीं कक्षा का छात्र पर्यावरण की रक्षा की आवश्यकताओं को लेकर काफी जोश में है और वह पर्यावरण पर चार एप्स बना चुका है।

वह जब 10 साल का था तभी उसने अपना पहला एप ‘लिटरबगस्माश’ बनाया था। यह एक मल्टीमीडिया, मल्टीचैनल एजुकेशनल टूल है। यह महासागरों और कछुओं की रक्षा के लिए डिजाइन किया गया एक गेम व चंदा इकट्ठा करने की एक पहल है।

हमीश दूसरी बार जीईएस में शामिल हो रहा है। इससे पहले वह 2016 में सिलिकॉन वैली में आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया था।

उसने कहा कि हैदराबाद में वह फलदायी वस्तुस्थिति (वर्चुअल रियलिटी) के बारे में जानना चाहता है और लोगों से कौशल में बारे में बातचीत करने को इच्छुक है। उसने भारत में आकर खुशी जाहिर की और कहा कि वह इस देश, यहां के उद्यमियों और इकोसिस्टम के बारे में जानने को उत्सुक है।

हमीश के पिता ग्रीन फिनलेसन ने आईएएनएस को बताया कि उनका बेटा हमेशा प्रौद्योगिकी, गणित और कोडिंग पसंद करता है। वह जब आठ साल का था तभी से उसने कोडिंग करनी शुरू कर दी थी।

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प्रादेशिक

एस्सार ग्रुप के सह-संस्‍थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन

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मुंबई। एस्सार ग्रुप के सह-संस्‍थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन हो गया है। रुइया के पार्थिव शरीर को प्रार्थना और श्रद्धांजलि के लिए वालकेश्वर के बाणगंगा में रखा जाएगा। अंतिम संस्कार यात्रा रुइया हाउस से शाम 4 बजे हिंदू वर्ली श्मशान के लिए निकलेगी।

शशि रुइया ने अपने भाई रवि रुइया के साथ मिलकर एस्सार की स्थापना की थी। वह करीब एक महीने पहले अमेरिका से इलाज करा लौटे थे। मंगलवार को दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक उनका पार्थिव शरीर रुइया हाउस में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। शाम चार बजे रुइया हाउस से शवयात्रा हिंदू वर्ली श्मशान घाट के लिए रवाना होगी।

उद्योगपति शशि रुइया ने अपने पिता नंद किशोर रुइया के मार्गदर्शन में 1965 में अपने व्यावसायिक दुनिया में कदम रखा। उन्होंने अपने भाई रवि के साथ मिलकर 1969 में चेन्नई बंदरगाह पर एक बाहरी ब्रेकवाटर का निर्माण कर एस्सार की नींव रखी। इसके बाद एस्सार ग्रुप ने इस्पात, तेल रिफाइनरी, अन्वेषण और उत्पादन, दूरसंचार, बिजली और निर्माण सहित विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार किया।

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