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संसद की बैठक बुधवार को, 3 तलाक विधेयक गुरुवार के लिए सूचीबद्ध

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नई दिल्ली, 26 दिसम्बर (आईएएनएस)| संसद की बैठक चार दिन के अवकाश के बाद बुधवार को फिर से शुरू होगी, और तीन तलाक विधेयक गुरुवार के लिए सूचीबद्ध किया गया है। दोनों सदनों की कार्यवाही सप्ताहांत और दो दिन की क्रिसमस की छुट्टी के बाद फिर से शुरू हो रही है।

सरकार गुरुवार को तीन तलाक पर विधेयक पेश कर सकती है। इस दौरान सरकार को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के विरोध का सामना भी करना पड़ सकता है। माकपा पहले ही विधेयक पर विरोध जता चुकी है।

बीजू जनता दल (बीजद) ने मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) विधेयक, 2017 पर आपराधिक प्रावधानों के बारे में अपनी राय व्यक्त कर चुका है, जबकि मार्क्सवादी कमयुनिस्ट पार्टी के नेता डी. राजा ने कहा है कि इसे स्थायी समिति के पास भेजा जाना चाहिए।

माकपा के नेता मोहम्मद सलीम ने कहा कि मोदी सरकार की तरफ से तीन तलाक पर त्वरित अपराधी बनाने वाला अभियान अनुचित और राजनीतिक रूप से प्रेरित है।

उन्होंने कहा कि जब सर्वोच्च न्यायालय ने पहले ही तीन तलाक पर प्रतिबंध लगा दिया है, तो ऐसा विधेयक लाने की कोई जरूरत ही नहीं है।

सलीम ने कहा, तीन तलाक पर प्रतिबंध का विषय चिंताजनक है। हम तब से इस मुद्दे को उठाते रहे हैं जब नरेंद्र मोदी जैसे राजनीतिज्ञों ने तीन तलाक का नाम भी नहीं सुना होगा। लेकिन हम मानते हैं कि तलाक एक नागरिक मामला है और यहां किसी को अपराधी बनाने की कोई आवश्यकता नहीं है।

उन्होंने कहा कि विधेयक ‘मनमाना’ है, क्योंकि इस मसले पर मुस्लिम समुदाय, महिला अधिकार समूहों और नागरिक समाज जैसे हितधारकों से परामर्श नहीं लिया गया है।

सलीम ने कहा कि व्यापक रूप से प्रचलित किसी चीज पर राष्ट्रीय कानून बनाने की कोई आवश्यकता नहीं है।

बीजद नेता भर्तृहरी महताब ने कहा कि आपराधिक प्रावधानों के बारे में कुछ प्रावधान हैं, जो विधेयक पर चर्चा के दौरान उठाए जाएंगे।

उन्होंने कहा, पेश किए जाने के समय केवल संवैधानिक व्यवहार्यता पर प्रश्न पूछे जाएंगे। पेश किए जाने के समय बहुत प्रतिरोध नहीं होगा।

इस सप्ताह सरकार के एजेंडे में अन्य विधेयकों में उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश (वेतन और सेवा की शर्त) संशोधन विधेयक, 2017 और जनप्रतिनिधित्व (संशोधन) विधेयक, 2017 शामिल हैं।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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