बिजनेस
ट्रेन-20 : राजधानी ट्रेनों में लगेंगे अल्युमिनियम से बने नवीनतम डिब्बे
नई दिल्ली, 27 दिसम्बर (आईएएनएस)। भारतीय रेल पहली बार 15 अल्युमिनियम से बने ट्रेनसेट (रेल डिब्बों की श्रृंखला) उतार रहा है, जो प्रतिष्ठित राजधानी ट्रेन में जोड़े जाएंगे, ताकि ट्रेन की गति बढ़े तथा यात्रियों को भी अधिक आराम मिले। इसे ट्रेन-20 नाम दिया गया है।
अल्युमिनियम के ट्रेनसेट मेट्रो या ईएमयू ट्रेन के डिब्बों की तरह होते हैं, जिन्हें लोकोमोटिव को नहीं खींचना होता है। ये न सिर्फ वजन में हल्के होते हैं, बल्कि ऊर्जा कुशल भी होते हैं। ये डिब्बे 160 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चल सकते हैं और इनमें ऑटोमेटिक डोर प्रणाली लगी होती है। इनमें बैठने और सोनों के दोनों तरह के बर्थ होते हैं।
इन अल्युमिनियम के ट्रेनसेट की अनुमानित लागत 2,500 करोड़ रुपये है। इनका निर्माण चेन्नई के पास स्थित रेलवे की इंट्रेगेटेड कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) में किया जाएगा।
आईसीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर आईएएनएस को बताया, अल्युमिनियम कार बॉडी ट्रेनसेट के डिजाइन, विकास, विनिर्माण, परीक्षण और तैनाती के लिए प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय कोच निर्माताओं से वैश्विक निविदा आमंत्रित किए गए हैं।
निविदा की शर्तो के मुताबिक, 20 कोचों का पहला ट्रेनसेट सफल बोलीदाता अपने खुद के संयंत्र में निर्मित कर आईसीएफ को भेजेगा।
सफल बोलीदाता दूसरे ट्रेनसेट और उसके बाद से सभी ट्रेनसेट के पुर्जे, इलेक्ट्रॉनिक्स, फर्निशिंग मटीरीयल आईसीएफ को भेजेगा। ट्रेन की बॉडी, बोगी, पेंटिंग और फर्निशिंग का काम आईसीएफ में किया जाएगा।
निर्माताओं को एक विकल्प और दिया गया है कि सफल बोलीदाता 10 ट्रेनसेट का अपने संयंत्र में निर्माण करें और उसे आईसीएफ को भेज दें। हालांकि आखिरी चार ट्रेन सेट और स्पेयर कोचों का पूरी तरह आईसीएफ में ही असेंबल करना होगा।
ट्रेन सेट में कई कोच होते हैं, जिसके आगे और पीछे के कोच में ड्राइविंग केबिन होता है तथा ट्रैकसन ऊर्जा को पूरी ट्रेन में समान रूप से वितरित किया जाता है। इससे पूरे ट्रेनसेट का त्वरण और अवत्वरण लोकोमोटिव से जुड़े डिब्बों की तुलना में तेजी से किया जा सकता है।
आईसीएफ को उम्मीद है कि दुनिया के प्रमुख कोच निर्माता इस निविदा प्रक्रिया में शामिल होंगे, जिसमें कुल 291 कोचों की बोली लगाई जाएगी। लेकिन इसमें सफल बोलीदाताओं के लिए भारतीय रेल के साथ दीर्घकालिक सक्रिय सहयोगी के रूप में जुड़ने का रास्ता खुल जाएगा, जो तेजी से समूचे आधुनिकीकरण में जुटी है।
रेल के सफर को और सुखमय बनाने के लिए सभी डिब्बों में वाई-फाई, इंफोटेनमेंट और जीपीएस आधारित यात्री सूचना प्रणाली लगी होगी, ताकि यात्रियों को यात्रा के बारे में पूरी जानकारी मिलती रहे।
इन ट्रेनसेट में भव्य इंटीरियर और एलइडी लाइटिंग का प्रयोग किया जाएगा तथा शौचालयों में जीरो-डिसचार्ज वैक्यूम आधारित बायो टॉयलेट और टच-फ्री फिटिंग लगे होंगे।
बिजनेस
जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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