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VIDEO: वाहनों की धुन पर नाचते हैं ये ट्रैफिक जवान, लोग बुलाते हैं ‘माइकल जैक्सन’

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नई दिल्ली। सड़कों पर वाहनों से भरी व्यस्तता में तो अक्सर आप भी फंसते होंगे, लेकिन कुछ ही मिनटों में इस ट्रैफिक को संभालते हुए सीटी बजाकर वाहनों को साइड करने वाले गंभीर जवानों से भी भलीं-भाति आप परिचित होंगे।

लेकिन ऐसे में आज हम आप को एक ऐसे ट्रैफिक जवान से मिलाने जा रहे हैं। जो बेहद ही अलग ढंग से सड़कों पर ट्रैफिक को संभालते हुए दिखाई पड़ते है।

इंदौर के हैं ये जवान-

इंदौर के पुराने और नए हिस्से को जोड़ने वाले सबसे व्यस्तम रीगल चौराहे पर बेहद फुर्ती और खास लय के साथ यातयात संभालने वाले ट्रैफिक जवान रणजीत सिंह एक बार फिर चर्चा में हैं। 38 वर्षीय रणजीत सिंह 12 साल से इंदौर में इसी फुर्ती और लगन से ट्रैफिक संभाल रहे हैं। सिग्नल पर वह जिस अंदाज में खास स्टेप्स के साथ गाड़ियों की आवाजाही को थामते-छोड़ते हैं, उसे माइकल जैक्सन के सिग्नेचर स्टेप ‘मूनवॉक’ के साथ तुलना की जा रही है।

बनारस यूनिवर्सिटी में लेक्चर के लिए किया गया आमंत्रित

रणजीत ने दावा किया है कि हाल ही में उन्हें बनारस यूनिवर्सिटी ने छात्रों को ट्रैफिक मैनेजमेंट पर मोटिवेशनल लेक्चर के लिए आमंत्रित किया है।

पिछले महीने आइआइएमटी यूनिवर्सिटी मेरठ ने भी बुलाया था। हाल ही में मध्य प्रदेश पुलिस ने भी उन्हें ट्रैफिक को लेकर जागरू कता फैलाने के लिए 25 हजार रुपये का इनाम देकर सम्मानित किया है। वह बताते हैं कि तीन साल पहले लाइव वीडियो बनाया गया। इसके जरिए वह करोड़ों दर्शक से जुड़े और उनके स्टेप्स देश-विदेश में मशहूर हो गए। फेसबुक में उनके दो लाख से ज्यादा फॉलोअर हैं। इसके बाद ही ‘आज की रात है जिंदगी’ टीवी शो में अमिताभ बच्चन ने उन्हें रियलिटी शो में बुलाया था।

 

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बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन

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चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.

लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.

महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’

राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”

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