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बिजनेस

एप्पल ने पुराने आईफोन्स को धीमा करने को लेकर मांगी माफी

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सैन फ्रांसिस्को, 29 दिसम्बर (आईएएनएस)| एप्पल द्वारा यह स्वीकार करने पर कि उसने पुराने आईफोन्स की स्पीड को सॉफ्टवेयर अपडेट के माध्यम से जानबूझकर धीमा कर दिया है, इसकी चौतरफा आलोचना के बीच कंपनी ने आधिकारिक रूप से वैश्विक आईफोन समुदाय से माफी मांगी है। एप्पल ने गुरुवार देर रात जारी एक बयान में कहा, हम जानते हैं कि आप लोगों में से कुछ को ऐसा महसूस हो रहा है कि एप्पल ने आपको निराश किया है। हम माफी मांगते हैं।

एप्पल ने वारंटी से बाहर हो गए आईफोन की बैटरियों के बदलने की कीमत 50 डॉलर कम कर दी है और अब यह 79 डॉलर के बदले 29 डॉलर में मिलेगा।

यह ऑफर जनवरी से शुरू होगा और अगले साल के अंत तक जारी रहेगा।

आईफोन के पुराने मॉडलों में सॉफ्टवेयर अपडेट के बाद धीमा पड़ने की समस्या शुरू हुई है, जिनमें आईफोन 6, आईफोन 6एस, आईफोन एसई और आईफोन 7 शामिल है।

क्यूपर्टिनो की आईफोन निर्माता ने कहा, इस मामले को लेकर बहुत गलतफहमी पैदा हुई है, इसलिए हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं और आपको बताना चाहते हैं कि हमने कुछ बदलाव किए हैं।

कंपनी ने कहा, सबसे पहले, हमने ऐसा कभी नहीं किया है कि किसी एप्पल उत्पाद के जीवनकाल को जानबूझकर कम कर दें। या फिर जानबूझकर एप्पल उत्पादों का उपभोक्ता अनुभव घटा दें, ताकि ग्राहक एप्पल के नए उत्पाद खरीदें।

आईओएस 10.2.1 में लगभग एक साल पहले, एप्पल ने एक सॉ़फ्टवेयर अपडेट किया था, जो आईफोन 6, आईफोन 6 प्लस, आईफोन 6 एस, आईफोन 6 एस प्लस और आईफोन एसई को अप्रत्याशित शटडाउन से बचने के लिए पीक वर्कलोड्स के दौरान पावर मैनेजमेंट को बेहतर बनाता है। हालांकि इस प्रक्रिया में फोन धीमा हो जाता है।

इस मुद्दे को लेकर एप्पल पर अमेरिका में आठ अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए गए हैं तथा इजरायल तथा फ्रांस में भी कंपनी कानूनी कार्रवाई का सामना कर रही है।

एप्पल ने दिसंबर की शुरुआत में दिसंबर में यह स्वीकार किया था कि उसने जानबूझकर आईफोन के कुछ मॉडलों को धीमा कर दिया है।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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