बिजनेस
अमेरिकी डॉलर अन्य प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले गिरा
न्यूयार्क, 30 दिसम्बर (आईएएनएस)| अमेरिकी डॉलर में अन्य प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले गिरावट दर्ज की जा रही है और निवेशकों को डर है कि अगले साल इसमें और अधिक गिरावट आ सकती है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट में बताया गया कि शुक्रवार को न्यूयार्क के कारोबार के अंत में यूरो डॉलर के मुकाबले 1.1953 से बढ़कर 1.2010 पर बंद हुआ। जबकि ब्रिटिश पाउंड की कीमत डॉलर के मुकाबले 1.3519 से बढ़कर 1.3443 हो गई।
डॉलर के मुकाबले ऑस्ट्रेलियाई डॉलर भी 0.7813 से बढ़कर 0.7793 हो गई है।
एक अमेरिकी डॉलर 112.62 जापानी येन के बराबर है, जबकि पिछले सत्र में यह 112.87 पर था। वहीं, एक डॉलर के मुकाबले स्विस फ्रैंक 0.9781 से घटकर 0.9744 हो गया। एक डॉलर का मूल्य पिछले सत्र में 1.2582 कनाडाई डॉलर था, जो घटकर 1.2539 कनाडाई डॉलर हो गया।
इस दौरान, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कारपोरेट कर में छूट के विधेयक पर इस महीने हस्ताक्षर कर दिए हैं, जिससे 1,500 करोड़ रुपये के कर राजस्व में कमी आएगी। अमेरिका में 1986 के बाद कॉरपोरेट कर में परिवर्तन किया गया है और 35 फीसदी से घटाकर 21 फीसदी कर दिया गया है।
बिजनेस
जेट एयरवेज की संपत्तियों की होगी बिक्री
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश को रद्द करते हुए दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के अनुसार निष्क्रिय जेट एयरवेज के परिसमापन का आदेश दिया। एनसीएलएटी ने पहले कॉरपोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के हिस्से के रूप में जालान कालरॉक कंसोर्टियम (जेकेसी) को एयरलाइन के स्वामित्व के हस्तांतरण को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि जेकेसी संकल्प का पालन करने में विफल रहा क्योंकि वह 150 करोड़ रुपये देने में विफल रहा, जो श्रमिकों के बकाया और अन्य आवश्यक लागतों के बीच हवाई अड्डे के बकाया को चुकाने के लिए 350 करोड़ रुपये की पहली राशि थी। नवीनतम निर्णय एयरलाइन के खुद को पुनर्जीवित करने के संघर्ष के अंत का प्रतीक है।
NCLT को लगाई फटकार
पीठ की ओर से फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति पारदीवाला ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ एसबीआई तथा अन्य ऋणदाताओं की याचिका को स्वीकार कर लिया। याचिका में जेकेसी के पक्ष में जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखने के फैसले का विरोध किया गया है। न्यायालय ने कहा कि विमानन कंपनी का परिसमापन लेनदारों, श्रमिकों और अन्य हितधारकों के हित में है। परिसमापन की प्रक्रिया में कंपनी की संपत्तियों को बेचकर प्राप्त धन से ऋणों का भुगतान किया जाता है। पीठ ने एनसीएलएटी को, उसके फैसले के लिए फटकार भी लगाई।
शीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल किया, जो उसे अपने समक्ष लंबित किसी भी मामले या मामले में पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने के लिए आदेश तथा डिक्री जारी करने का अधिकार देता है। एनसीएलएटी ने बंद हो चुकी विमानन कंपनी की समाधान योजना को 12 मार्च को बरकरार रखा था और इसके स्वामित्व को जेकेसी को हस्तांतरित करने की मंजूरी दी थी। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और जेसी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ अदालत का रुख किया था।
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