Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

बिजनेस

मार्ग ईआरपी ने देश भर में 5000 सुविधा केंद्र खोले

Published

on

Loading

नई दिल्ली, 31 दिसंबर (आईएएनएस)| भारतीय कराधान इतिहास के सबसे बड़े सुधार जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के लागू होने के बाद उद्यमियों को जीएसटी-सक्षम बनाने के लिए मार्ग ईआरपी ने देश भर में 5,000 सुविधा केंद्र खोले हैं, जहां छोटे और मझोले उद्यमों को जीएसटी से संबंधित सेवाएं मुहैया कराई जाती हैं। इसके अलावा कंपनी ने देश भर में 5,000 वर्कशॉप भी आयोजित किए हैं।

इन सुविधा केंद्रों पर छोटे और मझोले उद्यमों को जीएसटी से जुड़ी जानकारियां और तकनीक मुहैया कराई जाती है। सुविधा केंद्रों पर मार्ग के विशेषज्ञ कंपनी को नए कर शासन को अपनाने तथा कर अनुपालन में मदद करते हैं।

मार्ग ईआरपी के प्रबंध निदेशक (बिक्री और विपणन) सुधीर सिंह ने आईएएनएस से कहा, प्रौद्योगिकी को अपनाना आसान बनाना, खासतौर से छोटी और मंझोली कंपनियों के लिए मार्ग ईआरपी की हमेशा से प्राथमिकता रही है। जीएसटी पर जागरूकता फैलाने में हम सबसे आगे हैं और हम जीएसटी प्रौद्योगिकी को अपनाने में सक्रिय भूमिका निभाकर खुश हैं और भारत को जीएसटी के अनुरूप बनाने में मदद कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि जीएसटी के लागू होने के बाद पिछले छह महीनों में मार्ग ईआरपी ने हजारों छोटे और मझोले उद्यमों को जीएसटी-सक्षम और जीएसटी-संगत बनाने में मदद की है, जिससे कंपनी की बिक्री और राजस्व के आंकड़ों में जुलाई के बाद से ही जबरदस्त वृद्धि देखी गई है। पिछली तिमाही में कंपनी के राजस्व में पिछले साल की समान तिमाही की तुलना में 300 फीसदी की तथा ग्राहकों को जोड़ने में 400 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई।

सिंह ने आगे कहा, पिछले कई महीनों से हमने राजस्व के आंकड़ों में कई गुणा की बढ़ोतरी देखी है और ग्राहकों की संख्या भी कई गुणा बढ़ी है। उद्यमियों ने बड़े पैमाने पर दूसरी कंपनियों के सॉफ्टवेयर को छोड़कर हमारी कंपनी के जीएसटी-सक्षम सॉफ्टवेयर को अपनाया है। यह बेहद उत्साहजनक है और हम उम्मीद करते हैं कि देश भर में यह प्रचलन जोर पकड़ेगा। हमारा अल्पकालिक लक्ष्य छोटे और मझोले उद्यमों को जीएसटी-फ्रेंडली सॉफ्टवेयर मुहैया कराना है। हमारा दीर्घकालिक लक्ष्य ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देना तथा भारतीय अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाना है।

मार्ग ईआरपी ने मार्ग अकादमी की स्थापना की है जो अपनी स्थापना के बाद से ही शैक्षणिक अवसर और सेवाएं मुहैया कराने में प्रमुख कारक रहा है, जो उद्योग की मांग को पूरा करता है।

सुधीर सिंह ने कहा, मार्ग अकादमी स्किल इंडिया अभियान में सबसे आगे रहा है और उसने इन्वेंट्री और लेखा सॉफ्टवेयर क्षेत्र में कर्मचारियों के प्रशिक्षण के लिए पूरे भारत में 500 से अधिक अकादमियां स्थापित की हैं। मार्ग अकादमी एक मान्यता प्राप्त अखिल भारतीय इन्वेंटरी एंड अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर कंपनी है। 2015 में करीब 1800 छात्रों के साथ शुरुआत करने के बाद आज कंपनी ने पूरे भारत में 7000 से अधिक छात्रों को प्रशिक्षित करने में मदद की है और यह संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है।

मार्ग अकादमी ने पूरे भारत में अपने सभी अकादमियों में उत्कृष्ट प्रशिक्षण सुविधाएं प्रदान की हैं और 2018 तक इसकी 2000 शाखाएं खोलने की योजना है। मार्ग ईआरपी को कौशल विकास में सर्वश्रेष्ठ स्टार्ट-अप के लिए हाल ही में एसोचैम द्वारा आयोजित एक समारोह में तत्कालीन कौशल विकास राज्य मंत्री राजीव प्रताप रुडी द्वारा पुरस्कृत किया गया था।

मार्ग अकादमी ने बिजनेस सॉल्यूशन सॉफ्टवेयर में युवाओं को शिक्षित करने के लिए 2017 में 6 दिसंबर को ऑक्सफोर्ड सॉफ्टवेयर इंस्टीट्यूट से हाथ मिलाया है।

मार्ग अकादमी ने दिल्ली में वल्र्ड क्लास स्किल सेंटर (डब्लूसीएससी) में सम्मेलन व प्रशिक्षण का आयोजन किया था, जिसके लिए उन्हें डब्लूसीसीसी द्वारा आमंत्रित किया गया था। डब्ल्यूसीएससी को सिंगापुर सरकार के सहयोग से दिल्ली सरकार द्वारा विकसित किया गया है।

मार्ग अकादमी के इस सम्मेलन में भागीदारी पर कंपनी के सुधीर सिंह ने कहा, जीएसटी से संबंधित सॉफ्टवेयर समाधान मुहैया कराने वाली शीर्ष कंपनी होने के नाते हमें इस हाई-प्रोफाइल सम्मेलन में छात्रों को संबोधित करने के लिए बुलाया गया था। हमने छात्रों के बीच एकाउंटिंग और इन्वेंट्री सॉफ्टवेयर को लेकर जागरूकता पैदा की। इस सॉफ्यवेयर की उद्योग में काफी मांग है।

Continue Reading

बिजनेस

जेट एयरवेज की संपत्तियों की होगी बिक्री

Published

on

Loading

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश को रद्द करते हुए दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के अनुसार निष्क्रिय जेट एयरवेज के परिसमापन का आदेश दिया। एनसीएलएटी ने पहले कॉरपोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के हिस्से के रूप में जालान कालरॉक कंसोर्टियम (जेकेसी) को एयरलाइन के स्वामित्व के हस्तांतरण को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि जेकेसी संकल्प का पालन करने में विफल रहा क्योंकि वह 150 करोड़ रुपये देने में विफल रहा, जो श्रमिकों के बकाया और अन्य आवश्यक लागतों के बीच हवाई अड्डे के बकाया को चुकाने के लिए 350 करोड़ रुपये की पहली राशि थी। नवीनतम निर्णय एयरलाइन के खुद को पुनर्जीवित करने के संघर्ष के अंत का प्रतीक है।

NCLT को लगाई फटकार

पीठ की ओर से फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति पारदीवाला ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ एसबीआई तथा अन्य ऋणदाताओं की याचिका को स्वीकार कर लिया। याचिका में जेकेसी के पक्ष में जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखने के फैसले का विरोध किया गया है। न्यायालय ने कहा कि विमानन कंपनी का परिसमापन लेनदारों, श्रमिकों और अन्य हितधारकों के हित में है। परिसमापन की प्रक्रिया में कंपनी की संपत्तियों को बेचकर प्राप्त धन से ऋणों का भुगतान किया जाता है। पीठ ने एनसीएलएटी को, उसके फैसले के लिए फटकार भी लगाई।

शीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल किया, जो उसे अपने समक्ष लंबित किसी भी मामले या मामले में पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने के लिए आदेश तथा डिक्री जारी करने का अधिकार देता है। एनसीएलएटी ने बंद हो चुकी विमानन कंपनी की समाधान योजना को 12 मार्च को बरकरार रखा था और इसके स्वामित्व को जेकेसी को हस्तांतरित करने की मंजूरी दी थी। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और जेसी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ अदालत का रुख किया था।

 

Continue Reading

Trending