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ईपीएस पेंशनर्स ने मांगी भिक्षा, पीएम को भेजा चेक

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नई दिल्ली, 3 जनवरी (आईएएनएस)| कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस-95) के सदस्यों ने कम से कम 7,500 रुपये मासिक पेंशन और अंतरिम राहत के रूप में 5000 रुपये महंगाई भत्ते की मांग के लिए देश भर में अपना आंदोलन तेज करते हुए सात से ज्यादा राज्यों में भिक्षा मांगी और एकत्र की गई राशि को जिला प्रशासन के माध्यम से डीडी के रूप में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में भेजा। ईपीएस की राष्ट्रीय संघर्ष समिति ने अलग-अलग राज्यों के कई जिलों में भिक्षा आंदोलन की शुरूआत की। जिन प्रमुख राज्यों में यह आंदोलन किया गया उनमें तेलंगाना, छत्तीसगढ़, राजस्थान, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश शामिल हैं। इसके लिए जनसाधारण से लेकर कर्मचारी पेंशन योजना के सदस्यों से भिक्षा ली गई।

ईपीएफ राष्ट्रीय संघर्ष समिति (एनएसी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक राउत ने कहा, हमने अपनी सभी राज्य इकाईयों को 10 जनवरी तक का समय दिया है। अगर 10 जनवरी तक हमारी मांगें पूरी नहीं हुई तो हम आंदोलन को अगले स्तर तक ले जाने के लिए मजबूर हो जाएंगे।

महंगाई के जमाने में कम पेंशन हासिल कर रहे बुजुर्गो की तकलीफों की ओर शासन का ध्यान दिलाने के लिए हरिद्वार के शहीद भगत सिंह चौक पर भिक्षा आंदोलन का आगाज किया गया। हरिद्वार में 1922 रुपये एकत्र हुए, जिसे प्रधानमंत्री राहत कोष में दान देने के लिए हरिद्वार के डीएम दीपक रावत को ड्राफ्ट सौंपा गया।

महाराष्ट्र में भिक्षा आंदोलन से करीब 10 हजार रुपये एकत्र हुए। तेलंगाना में भीख मांग कर बुजुर्ग पेंशन धारकों ने करीब 5 हजार रुपये एकत्र किए। इसी तरह अन्य जिलों से भी राशि एकत्र हुई।

राउत ने कहा, कर्मचारियों का मकसद प्रधानमंत्री तक यह संदेश पहुंचाना था कि आपने तो हमारी बात नहीं सुनी, पर हम अपने सीमित संसाधनों से प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में योगदान दे रहे हैं।

अशोक राउत के नेतृत्व में संघर्ष समिति ने कई मांगे रखी हैं, जिनमें कम से कम 7500 रुपये महीने मासिक पेंशन, अंतरिम राहत के रूप में 5000 रुपये महंगाई भत्ता, जिन पेंशनर्स को ईपीएस-95 योजना में शामिल नहीं किया गया उन्हें पेंशन योजना में भागीदार बनाना शामिल है।

अशोक राउत के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने अपनी मांगें न माने जाने की स्थिति में देश भर के 500 जिलों में लोकसभा सांसदों और विधायकों का घेराव करने, उनके आवास पर धरना देने और सत्याग्रह करने की योजना बनाई है। इन सांसदों और विधायकों पर ईपीएस पेशनरों को हो रही परेशानी पर पीएम को पत्र लिखने का भी दबाव बनाया जाएगा।

वर्तमान में ईपीएस-95 के तहत हर महीने इसके सदस्यों को कम से कम एक हजार रुपये महीना पेंशन मिलती है। ईपीएस-95 योजना के तहत 60 लाख पेंशनधारक हैं, जिसमें से करीब 40 लाख सदस्यों को हर महीने 1500 रुपये से कम पेंशन मिल रही है और अन्य कर्मचारियों को दो हजार रुपये से ढाई हजार रुपये मासिक पेंशन मिल रही है। कर्मचारियों का कहना है कि कमरतोड़ महंगाई के जमाने में इतनी कम पेंशन में महीने का खर्च चलना काफी मुश्किल है।

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नेशनल

महाराष्ट्र के CM एकनाथ शिंदे ने दिया इस्तीफा, क्या फडणवीस के सिर सजेगा ताज ?

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मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने राज्यपाल राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन को अपना इस्तीफा सौंपा है। इस दौरान डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार भी मौजूद थे। विधानसभा का कार्यकाल आज यानी 26 नवंबर तक ही है। नए मुख्यमंत्री की शपथ की तारीख तय नहीं है। तब तक शिंदे कार्यवाहक सीएम रहेंगे।

इस बीच महाराष्ट्र में अगली सरकार के गठन की रूपरेखा लेकर चर्चा तेज हो गई है। खबर है कि गृह मंत्री अमित शाह मंगलवार को देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात कर सकते हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले ‘महायुति’ गठबंधन ने 288 सदस्यीय विधानसभा में 235 सीट हासिल की हैं। जिसमें बाजेपी अकेली 135 सीटों पर कब्जा कर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

बीजेपी की महाराष्ट्र में ये अब तक की सबसे बड़ी जीत है। शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 57 सीट पर जीत हासिल की और अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा ने 41 सीट पर जीत दर्ज की है। मौजूदा उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सीएम की रेस में सबसे आगे चल रहे है।

 

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