अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान को मदद रोकने का संबंध भारत में आतंकी हमलों से नहीं : अमेरिका
न्यूयॉर्क, 5 जनवरी (आईएएनएस)| पाकिस्तान को अमरिका की ओर से दी जाने वाली सैन्य सहायता पर रोक लगाने का कोई संबंध भारत पर हुए आतंकवादी हमलों या लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई करने में पाकिस्तान की विफलता से नहीं है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हीदर नॉर्ट ने यह बात कही है।
संवाददाता सम्मेलन में यहां गुरुवार को यह पूछे जाने पर कि क्या अमेरिका के इस कदम के पीछे भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद और सईद द्वारा मुंबई में 2008 में कराए गए आतंकवादी हमले भी कारण हैं, नॉर्ट ने कहा, मेरी जानकारी के मुताबिक सहायता पर रोक लगाने का इससे कोई लेना-देना नहीं है।
नॉर्ट ने कहा, हमने निश्चित तौर पर 2008 मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड के पाकिस्तान में नजरबंदी से रिहा करने पर चिंता व्यक्त की थी। हमने उस व्यक्ति (सईद) के रिहा होने पर अपनी नाराजगी साफ तौर पर जाहिर की थी और हम लोगों को यह याद दिलाना चाहेंगे कि उसके लिए हमने एक करोड़ डॉलर का ‘न्याय के लिए पुरस्कार’ कार्यक्रम भी चलाया हुआ है।
अमेरिकी को अफगानिस्तान में मौजूद अपने सैनिकों को कुछ समूहों द्वारा निशाना बनाए जाने की चिंता है।
नॉर्ट ने अफगान तालिबान और हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकवादी संगठनों का नाम लिया और कहा कि पाकिस्तान को सैन्य उपकरणों और सुरक्षा संबंधी निधियों के वितरण पर लगे प्रतिबंधों को हटाना है तो इन संगठनों के खिलाफ ‘निर्णायक कार्रवाई’ करनी होगी।
उन्होंने कहा, उन समूहों को पाकिस्तान के भीतर शरण मिलती रही है। वे लगातर अफगानिस्तान को अस्थिर करने की योजना बनाते रहे हैं और अमेरिका एवं उनके सहायेगियों पर हमला करते रहे हैं।
उन्होंने कहा, गुरुवार को घोषित प्रतिबंधों के अलावा ट्रंप प्रशासन ने अगस्त में पाकिस्तान को दी जाने वाली 25.5 करोड़ की सैन्य सहायता पर रोक लगाई थी।
नॉर्ट ने कहा कि पाकिस्तान ने कुछ चुनिंदा आतंकवादी संगठनों के खिलाफ ही कार्रवाई की है।
नॉर्ट ने कहा, पाकिस्तानी हितों को लक्षित करने वाले अल कायदा, आईएस (इस्लामिक स्टेट) और पाकिस्तानी तालिबान जैसे समूहों से मुकाबला करने में सुरक्षा सेवाएं प्रभावी रही हैं।
अन्तर्राष्ट्रीय
पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।
इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।
जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।
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