बिजनेस
‘जागृति यात्रा : छोटे शहरों में औद्योगिक क्रांति से बदलेगा भारत’
नई दिल्ली, 5 जनवरी (आईएएनएस)| देश में बेरोजगारी की समस्या का समाधान करने और औद्योगिक क्रांति लाने के उद्देश्य से 24 दिसंबर को मुंबई से शुरू हुई 15 दिवसीय रेल यात्रा शुक्रवार को दिल्ली पहुंची और राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की।
इस बार जागृति यात्रा में समाज के अलग-अलग वर्गो और विभिन्न पृष्ठभूमि से आए 500 लोगों ने भाग लिया, जिसमें 50 फीसदी महिलाएं थीं। यात्रियों के साथ ट्रेन में सफर कर रहे विभिन्न क्षेत्र की दिग्गज हस्तियों ने यात्रियों को अपने अनुभव से लगातार मार्गदर्शन किया। जागृति यात्रा के आयोजकों का मानना है कि भारत के टियर-2 और टियर-3 शहरों में औद्योगिक क्रांति लाकर देश को बदला जा सकता है।
यात्रियों के लिए देश के पहले नागरिक से मिलने का अनुभव उन्हें सशक्त बनाने वाला था। राष्ट्रपति के शब्दों ने वाकई यात्रियों को प्रोत्साहित किया। बेरोजगारी के दबाव वाले परिदृश्य में राष्ट्रपति ने बताया कि रोजगार का सृजन करने वाले लोग किस तरह इस वक्त की जरूरत बन गए हैं और उपक्रम के नेतृत्व में रोजगार का विकास इसका समाधान हो सकता है।
यात्रा की संयोजक एनजीओ जागृति सेवा संस्थान के अध्यक्ष शशांक मणि त्रिपाठी ने कहा, अगर स्वतंत्रता के समय सत्याग्रह हमारा शस्त्र और स्वतंत्रता मिशन थी तो आज उद्यमिता या उपक्रम नया उपकरण बन गया है और राष्ट्र निर्माण या देश का विकास नया मिशन है और यह विकास देश के मेट्रो शहरों से दूर छोटे गांवों और कस्बों में होना चाहिए, जिसके लिए हमने काफी लंबे समय से प्रतीक्षा की है।
जागृति सेवा संस्थान के अध्यक्ष शशांक मणि त्रिपाठी ने बताया कि जागृति यात्रा, ऊर्जा, स्वास्थ्य, कृषि, जल, स्वच्छता, विनिर्माण और शिक्षा जैसे 7 मुद्दों पर अपना ध्यान केंद्रित करती है। यात्रा के दौरान यात्रियों ने 15 दिन की अवधि में 15 अलग-अलग रोल मॉडलों से मुलाकात की।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में हमारी रोल मॉडल अंशु गुप्ता थी, जो 2015 में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार की विजेता रह चुकी हैं। 1998 में गूंज संस्था की स्थापना कर चुकी अंशु का मानना है कि कपड़े पहनना किसी व्यक्ति का मौलिक अधिकार है। गूंज सामाजिक बदलाव के लिए शहरी कूड़े-करकट का प्रसंस्करण करती है। उनका लक्ष्य है, काम के लिए कपड़े। लोगों को उनके प्रयासों के इनाम के रूप में कपड़े-जूते-चप्पल, मसाले और अन्य चीजें दी जाती हैं।
गूंज ने वस्तु विनिमय पर आधारित कैशलेस इकॉनमी (नकदविहीन अर्थव्यवस्था) बनाई है, जहां कारोबार में मानवीय श्रम के बदले गरिमामयी ढंग से जरूरी उपभोक्ता वस्तुओं की आपूर्ति की जाती है। दरअसल गूंज ने कई विकास परियोजनाओं जैसे कुएं खोदने, सड़कों को चौड़ा करने और झीलों को साफ करने का बीड़ा उठाया। राष्ट्रपति भवन के इस दौरे के साथ यात्रियों ने महसूस किया कि एक महान विचार और अपने लक्ष्य पर केंद्रित एक व्यक्ति 41 क्रांति ला सकता है।
जागृति के कार्यकारी निदेशक आशुतोष ने कहा, पिछले 10 वर्षो में जागृति यात्रा ने देश में उपक्रमों उद्यमों और इंडस्ट्री के विकास के परिदृश्य को प्रभावित किया है। जागृति यात्रा ने इन उद्यमों में ऐसे प्रभावशाली नेताओं को भी तैयार किया है, जो यह मानते हैं कि इंडस्ट्रीज या उपक्रमों के विकास से ही भारत का निर्माण हो सकता है।
बिजनेस
जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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