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प्रधानमंत्री मोदी ग्वालियर पहुंचे, विमानतल पर स्वागत

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ग्वालियर, 7 जनवरी (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्यप्रदेश के टेकनपुर में प्रदेशों एवं केंद्रीय पुलिस संगठनों के पुलिस महानिदेशक और महानिरीक्षक स्तर के अधिकारियों के चल रहे तीन दिवसीय सम्मेलन में शिरकत करने रविवार को ग्वालियर पहुंचे। भोपाल पुलिस नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री सुबह नौ बजे वायुसेना के विशेष विमान से महाराजपुरा एयर बेस पहुंचे, जहां उनकी अगवानी राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, मंत्री नरोत्तम मिश्रा, महापौर विवेक शेजवलकर सहित अन्य ने अगवानी की। प्रधानमंत्री यहां से टेकनपुर के लिए रवाना होंगे।

प्रधानमंत्री टेकनपुर में प्रदेशों व केंद्रीय पुलिस संगठनों के पुलिस महानिदेशक व पुलिस महानिरीक्षक स्तर के अधिकारियों के शनिवार से शुरू हुए तीन दिवसीय सम्मेलन में शिरकत करने आए हैं। वह दो दिन यहां रहने वाले हैं।

इससे पहले प्रधानमंत्री ने ऐसे ही सम्मेलन को 2014 में गुवाहाटी, 2015 में गुजरात के कच्छ के रण स्थित धोर्दो और 2018 में हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय पुलिस अकादमी को संबोधित किया था।

प्रधानमंत्री पुलिस बल के लिए खास तौर से प्रौद्योगिकी और मानवीय इंटरफेस का जिक्र करते हुए नेतृत्व की अहमियत, व्यवहार कुशलता और सामूहिक प्रशिक्षण पर विशेष बल देते रहे हैं।

राष्ट्रीय राजधानी से बाहर सालाना डीजीपी सम्मेलन का आयोजन प्रधानमंत्री के उस दर्शन के अनुसार हो रहा है जिसमें वह कहते हैं कि ऐसे सम्मेलन न सिर्फ दिल्ली में बल्कि देशभर में आयोजित होने चाहिए।

मध्यप्रदेश के टेकनपुर स्थित सीमा सुरक्षा बल अकादमी में आयोजित सम्मेलन के दौरान शनिवार को देशभर से पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने सुरक्षा से जुड़े मुद्दों, साइबर आतंकवाद, सोशल मीडिया का प्रभाव, सीमापार आतंकवाद, युवाओं के अतिवादी बनने के अलावा अन्य मुद्दों पर चर्चा की।

गृहमंत्री राजनाथ सिंह, राज्यमंत्री हंसराज अहीर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और गृह सचिव राजीव गौवा शनिवार को ही टेकनपुर पहुंच चुके हैं। सम्मेलन में भाग के लिए 205 वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पहुंचे हैं।

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नेशनल

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर कही बड़ी बात

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कर्नाटक। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया जिनमें दावा किया गया था कि राज्य सरकार नौकरियों में मुस्लिम आरक्षण के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। उन्होंने रिपोर्टों को एक और नया झूठ बताया। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने एक बयान में स्पष्ट किया कि आरक्षण की मांग की गई है लेकिन इस संबंध में सरकार के समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। यह स्पष्टीकरण कर्नाटक में मुसलमानों के लिए आरक्षण के मुद्दे पर चल रहे विवाद के बीच आया है।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने जारी किया बयान

मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘कुछ मीडिया में रिपोर्ट प्रकाशित हुई है कि नौकरियों में मुसलमानों को आरक्षण देने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष है। इसमें कहा गया है कि मुस्लिम आरक्षण की मांग की गई है, हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि इस संबंध में सरकार के समक्ष कोई प्रस्ताव नहीं है।’

4% कोटा, जो श्रेणी-2बी के अंतर्गत आता, सार्वजनिक निर्माण अनुबंधों के लिए समग्र आरक्षण को 47% तक बढ़ा देता। कर्नाटक का वर्तमान आवंटन विशिष्ट सामाजिक समूहों के लिए सरकारी ठेकों का 43% आरक्षित रखता है: एससी/एसटी ठेकेदारों के लिए 24%, श्रेणी-1 ओबीसी के लिए 4%, और श्रेणी-2ए ओबीसी के लिए 15% है।

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने कहा कि सिद्धारमैया के राजनीतिक सचिव, नसीर अहमद, आवास और वक्फ मंत्री बीजे ज़मीर अहमद खान और अन्य मुस्लिम विधायकों के साथ, 24 अगस्त को एक पत्र प्रस्तुत किया था, जिसमें अनुबंधों में मुसलमानों के लिए 4% आरक्षण का अनुरोध किया गया था। उन्होंने आगे कहा कि सिद्धारमैया ने वित्त विभाग को उसी दिन प्रस्ताव की समीक्षा करने का निर्देश दिया था, कथित तौर पर उन्होंने इस मामले से संबंधित कर्नाटक सार्वजनिक खरीद पारदर्शिता (केटीपीपी) अधिनियम में संशोधन का भी समर्थन किया था।

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