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बिजनेस

सीओएआई ने दूरसंचार आयोग द्वारा दिए गए राहत का किया स्वागत

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नई दिल्ली, 11 जनवरी (आईएएनएस)| देश की दूरसंचार, इंटरनेट, प्रौद्योगिकी और डिजिटल सर्विसेज कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाली शीर्ष उद्योग संघ सेल्यूलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने दूरसंचार आयोग के उस निर्णय का स्वागत किया है, इसके तहत आयोग ने दूरसंचार क्षेत्र की वित्तीय स्वास्थ्य संबंधी अंतर मंत्रालयीय समिति की सिफारिशों को मंजूरी दे दी है। पिछले साल अगस्त में दी गई आईएमजी की सिफारिशों पर विचार-विमर्श करने के लिए, दूरसंचार आयोग, सरकार की उच्चतम दूरसंचार नीति निर्णय लेने वाली संस्था की मंगलवार 9 जनवरी को बैठक हुई। आईएमजी का गठन भारतीय दूरसंचार क्षेत्र की बिगड़ती आर्थिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए किए जाने वाले विभिन्न उपायों पर नजर रखने के लिए किया गया था। इस क्षेत्र की वर्तमान में 4.6 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है और इसका राजस्व 2 लाख करोड़ रुपये से भी कम हो गया है।

इस बैठक में कई फैसले लिए गए। इनमें निवेश और विलय को बढ़ावा देने के लिए कई इर्नय लिए गए. इस सेक्टर ने इन निर्णयों का स्वागत किया। समग्र स्पेक्ट्रम कैप में वृद्धि करने के फैसले से इस क्षेत्र में विलय और अधिग्रहण को बढ़ावा मिलेगा इससे महत्वपूर्ण लागत बचत और अति-प्रतिस्पर्धा में कमी आएगी और लंबे समय में इस क्षेत्र को स्थिरता मिलेगी. इसके अतिरिक्त, ऑटोमेटिक रूट से 100 फीसदी एफडीआई अनुमति देने का फैसला एक स्वागत योग्य कदम है। जाहिर है, आने वाले वर्षों में उद्योग को पर्याप्त निवेश की आवश्यकता होगी।

सीओएआई के महानिदेशक राजन एस मैथ्यूज ने कहा कि ब्याज दर को कम करने का फैसला यानी 2 फीसदी तक ओवरड्यू भुगतान करने का फैसला, भी एक अत्यंत अर्थपूर्ण और अनुकूल कदम है. हालांकि, सभी निर्णयों का इस उद्योग पर महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं पड़ेगा। स्पेक्ट्रम के ओवरड्यू भुगतान को मौजूदा 10 समान वार्षिक किश्तों से बढ़ा कर 16 किश्तों तक बढ़ाए जाने का निर्णय प्रारंभिक वर्षों में नकदी प्रवाह को बेहतर करेगा. हालांकि, केवल स्पेक्ट्रम भुगतान का कार्यकाल बढ़ाया जा रहा है, इसलिए कोई वास्तविक वित्तीय लाभ उद्योग को नहीं होगा।

उन्होंने आगे कहा कि हालांकि यह प्रारंभिक नकदी प्रवाह राहत देता है, लेकिन उद्योग भुगतान के लम्बे समय की वजह से अधिक भुगतान करेगा। इस तरह अतिरिक्त भुगतान 80 हजार करोड़ रुपये के आसपास होने की उम्मीद है।

मैथ्यूज ने निराशा जाहिर करते हुए कहा कि सरकार ने उद्योग के कुछ मूल प्रणालीगत मुद्दों, जैसे यूएसओएफ, लाइसेंस शुल्क (एल.एफ.) और स्पेक्ट्रम यूजर चार्ज (एसयूसी) में कटौती के लिए बहुत कुछ नहीं किया है. जैसा पहले ट्राई ने सुझाव दिया था. हालांकि, वे आशावादी बने हुए है कि सरकार इस मामले की जांच कर रही है। उन्हें उम्मीद है कि इस सेक्टर को ले कर पहले ये धारणा थी कि दूरसंचार उद्योग केवल सरकार के कैश काऊ है, अब ये धारण बदल रही है और ये अच्छी बात है.

मैथ्यूज ने कहा कि अनुकूल और पारस्परिक सहयोगात्मक वातावरण में ही ये उद्योग ग्राहकों को मूल्य और नई तकनीक प्रदान करने के साथ-साथ सरकार राजस्व प्रदान कर सकती हैं। उन्होंने सरकार द्वारा अभी तक उठाए गए कदमों का स्वागत करते हुए और अधिक तत्काल राहत उपाय किए जाने की आशा व्यक्त की।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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