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अन्तर्राष्ट्रीय

अफ्रीकी देशों ने ट्रंप से अभद्र टिप्पणी पर माफी मांगने को कहा

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वाशिंगटन, 13 जनवरी (आईएएनएस)| अफ्रीकी देशों के प्रतिनिधि संघ ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से अफ्रीकी देशों को लेकर की गई उनकी अभद्र टिप्पणी पर माफी की मांग की है। गौरतलब है कि ट्रंप ने आव्रजन नीति पर एक बैठक के दौरान अफ्रीकी देशों को ‘शिटहोल्स’ कहा था।

बीबीसी के मुताबिक, शुक्रवार को वाशिंगटन डीसी में प्रतिनिधि समूह ने ट्रंप के इस बयान को हैरतभरा, दुखद और भद्दा बताते हुए कहा कि ट्रंप प्रशासन ने अफ्रीकियों को गलत समझा है।

ट्रंप ने आव्रजन नीति को लेकर हुई बैठक में यह कथित टिप्पणी की।

अफ्रीकी संघ ने कहा कि इस टिप्पणी से अमेरिकी सिद्धांतों और साथ ही विविधता और मानव गरिमा के प्रति सम्मान की भावना का अपमान हुआ है।

उन्होंने कहा, इस पर हैरत, दुख और गुस्से के साथ ही हमारा दृढ़ विश्वास है कि अमेरिका के मौजूदा प्रशासन ने अफ्रीकी महाद्वीप और इसके लोगों को गलत समझ लिया है। अमेरिकी प्रशासन और अफ्रीकी देशों के बीच वार्ता की आवश्यकता है।

ट्रंप ने ओवल ऑफिस में हुई बैठक के दौरान अफ्रीकी आव्रजकों को लेकर भद्दी टिप्पणी की थी, जो शुक्रवार को मीडिया के जरिए पता चली।

ट्रंप ने गुरुवार को सांसदों से कहा, हम इन शिटहोल देशों से आ रहे लोगों को पनाह क्यों दे रहे हैं?

बीबीसी ने बताया कि ट्रंप की यह टिप्पणी हैती, अल सल्वाडोर और अफ्रीकी देशों के लोगों के संदर्भ में की गई थी।

ट्रंप ने कहा कि हमें इनके बजाए नॉर्वे जैसे देशों के आव्रजकों को पनाह देनी चाहिए।

व्हाइट हाउस ने गुरुवार को इस टिप्पणी से इनकार नहीं किया लेकिन ट्रंप ने शुक्रवार को इस तरह की भाषा के इस्तेमाल से इनकार किया। हालांकि, उनकी इस टिप्पणी को लेकर काफी आलोचना हो रही है।

व्हाइट हाउस में हुई इस बैठक में दो रिपबल्किन सीनेटर भी मौजूद थे, जिन्होंने ट्रंप के दावे का समर्थन किया लेकिन डेमोक्रेटिक सीनेटर डिक डर्बिन ने कहा कि ट्रंप ने अफ्रीकी देशों को कई बार ‘शिटहोल्स’ कहा और उनके खिलाफ नस्लभेदी भाषा का इस्तेमाल किया।

बीबीसी के मुताबिक, ट्रंप ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा कि उन्होंने इस निजी बैठक में जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया, वह सख्त थी लेकिन उन्होंने उन शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया।

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अन्तर्राष्ट्रीय

पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।

इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।

जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।

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