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बिजनेस

वित्तमंत्री ने एनसीडीईएक्स पर ग्वारसीड में लांच किया ऑप्शंस ट्रेडिंग

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नई दिल्ली, 14 जनवरी (आईएएनएस)| वित्तमंत्री अरुण जेटली ने रविवार को देश के दूसरे सबसे बड़े वायदा बाजार नेशनल कमोडिटी व डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीएक्स) पर ग्वारसीड में ऑप्शंस ट्रेडिंग का नया डेरिवेटिव्स टूल लांच किया।

वित्तमंत्री ने कहा कि इससे देश के किसानों को आने वाले दिनों में काफी फायदा मिलेगा।

यह भारत में किसी एग्री कमोडिटी का पहला, जबकि तमाम कमोडिटी में दूसरा ट्रेडिंग आप्शंस टूल है। इससे पहले पिछले साल 10 अक्टूबर को सोने में इसी तरह का ट्रेडिंग ऑप्शंस टूल देश के सबसे बड़े कमोडिटी एक्सचेंच मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर शुरू किया गया था।

वित्तमंत्री ने कहा, किसानों ने देश की सेवा में अपनी ओर से कोई कसर नहीं छोड़ी है। भारत में जहां खाद्यान्नों का अभाव रहता था वहां आज किसानों की मेहनत की बदौलत ही खाद्यान्नों का आधिक्य है।

देश में एग्री कमोडिटी के सबसे बड़े एक्सचेंज एनसीडीईएक्स की ओर से डिजाइन किए गए ऑप्शंस ट्रेडिंग टूल को कमोडिटी बाजार के नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने पहले ही मंजूरी प्रदान की थी।

एनसीडीईएक्स के एमडी और सीईओ समीर शाह ने कहा- इस नए हेजिंग टूल से किसानों के लिए जोखिम का स्तर कम होगा और उन्हें अपने उत्पाद की बेहतर कीमत मिल सकेगी। यह ऑप्शंस कीमतों में गिरावट के दौरान किसानों को बचाने के साथ-साथ कीमतों में बढ़ोतरी के दौरान उन्हें उच्च कीमत पर अपने उत्पाद बेचने का अवसर प्रदान करेगा। इस तरह कीमतों में उतार-चढ़ाव के बावजूद यह टूल किसानों के लिए हर लिहाज से फायदेमंद साबित होगा।

ट्रेडिंग ऑप्शंस ऐसा डेरिवेटिव्स टूल है जिसमें लेवाल को लिवाली का अधिकार तो होता है लेकिन उनके लिए दिए हुए उस इंस्ट्रमेंट को किसी खास कीमत पर या निश्चित तारीख के पहले बिकवाली की बाध्यता नहीं होती। लिवाली के अधिकार को कॉल ऑप्शंस और बिकवाली के अधिकार को पुट ऑप्शंस कहा जाता है।

ऑप्शंस ट्रेडिंग का टूल यूरोपीय प्रकार के हैं और एनसीडीईएक्स पर अभी जो सौदे चल रहे हैं उन्हीं में फरवरी, मार्च और अप्रैल के सौदों में ऑप्शंस ट्रेडिग के सौदे उपलब्ध हैं।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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