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बिजनेस

प्रत्यक्ष कर संग्रह 18.7 फीसदी बढ़ा

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नई दिल्ली, 17 जनवरी (आईएएनएस)| चालू वित्त वर्ष (2017-18) में 15 जनवरी तक सरकार का प्रत्यक्ष कर संग्रह 6.89 लाख करोड़ रुपये (अनंतिम) रहा है, जोकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 18.7 फीसदी अधिक है। इसकी घोषणा बुधवार को की गई।

वित्त मंत्रालय ने यहां एक बयान में कहा कि प्रत्यक्ष कर संग्रह 2017-18 के लिए बजट अनुमान (9.8 लाख करोड़ रुपये) का 70.3 फीसदी रहा है।

मंत्रालय ने कहा कि 1 अप्रैल 2017 से 15 जनवरी 2018 तक कुल 1.22 लाख करोड़ रुपये रिफंड किए गए।

2017 के अप्रैल से 2018 के 15 जनवरी तक कुल संग्रहण (रिफंड घटाए बिना) 13.5 फीसदी बढ़कर 8.11 लाख करोड़ रुपये रहा।

बयान में कहा गया, चालू वित्त वर्ष के दौरान प्रत्यक्ष कर संग्रह में सभी मापदंडों के आधार पर लगातार और महत्वपूर्ण सुधार हुआ है।

प्रत्यक्ष कर संग्रह की विकास दर पहली तिमाही में 10 फीसदी, दूसरी तिमाही में 10.3 फीसदी, तीसरी तिमाही में 12.6 फीसदी और 2018 में 13.5 फीसदी रही।

इसमें कहा गया कि कुल प्रत्यक्ष कर संग्रहण की वृद्धि दर पहली तिमाही में 14.8 फीसदी थी, जो दूसरी तिमाही में बढ़कर 15.8 फीसदी, तीसरी तिमाही में बढ़कर 18.2 फीसदी और 2018 में 15 जनवरी तक बढ़कर 18.7 फीसदी हो गई।

बयान में कहा गया, इस वृद्धि दर का प्रमुख कारण खासतौर से कॉरपोरेट आयकर (सीआईटी), सकल सीआईटी संग्रहण में हुई वृद्धि है, जिसमें पहली तिमाही में 4.8 फीसदी, दूसरी तिमाही में 5.1 फीसदी, तीसरी तिमाही में 10.1 फीसदी और 2018 में 15 जनवरी तक 11.4 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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