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अन्तर्राष्ट्रीय

म्यांमार का बाग्ंलादेश से 1,300 रोहिंग्या ‘विद्रोहियों’ को प्रत्यर्पित करने का आग्रह

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नय्यपीदाव, 18 जनवरी (आईएएनएस)| म्यांमार ने गुरुवार को कहा कि उसने बांग्लादेश से पिछले साल अगस्त में रखाइन राज्य में सरकारी चौकियों पर विद्रोहियों द्वारा किए गए हमलों में हिस्सा लेने वाले 1,300 से अधिक संदिग्ध रोहिंग्याओं को गिरफ्तार कर उन्हें प्रत्यर्पित करने का आग्रह किया।

म्यांमार में 25 अगस्त को हुई इस घटना के बाद पूरे देश में कथित विद्रोहियों के खिलाफ हिंसक सैन्य अभियान शुरू हुए जिसके कारण मानवीय संकट पैदा हो गया और कम से कम 650,000 लोग पड़ोसी देश बांग्लादेश भाग गए। इनमें ज्यादातर लोग रोहिंग्या अल्पसंख्यक समुदाय के हैं।

समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, नोबेल शांति पुरस्कार विजेता और देश की वास्तविक नेता आंग सान सू ची के नेतृत्व में म्यांमार स्टेट काउंसलर ऑफिस ने अराकान रोहिंग्या सालवेशन आर्मी (एआरएसए) के कथित सदस्यों की तस्वीरें प्रकाशित की हैं।

म्यांमार विदेश मंत्रालय की सूचना समिति ने नवंबर के मध्य में नेपीदा में हुई द्विपक्षीय बैठक के दौरान अपने बांग्लादेशी समकक्ष के सामाने यह मांग रखी।

पुलिस की चौकी पर अगस्त में एआरएसए के हमले बाद म्यांमार के सुरक्षा बलों ने आक्रामक रुख अपना लिया। मानवाधिकार संगठनों ने म्यांमार के सैनिकों पर दुष्कर्म , हत्या और रोहंगिया गांवों को ध्वस्त करने का आरोप लगाया है।

दोनों देश बांग्लादेश में आने वाले शरणार्थियों के लिए प्रत्यावर्तन प्रक्रिया पर सहमत हुए हैं। इस प्रक्रिया के अगले सप्ताह शुरू होने की उम्मीद है।

कई मानवीय संगठनों ने बार-बार इस समझौते की निंदा की हैं। उनके मुताबिक, रोहिंग्याओं के लिए म्यांमार अभी भी सुरक्षित नहीं है। हाल ही में वापस लौटे कुछ शरणार्थियों ने बताया कि अल्पसंख्यक समुदाय के उपर अभी भी हमले हो रहे हैं।

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अन्तर्राष्ट्रीय

पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।

इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।

जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।

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