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खेल-कूद

जोहान्सबर्ग टेस्ट : भारतीय गेंदबाजों के सामने लड़खड़ाए दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज

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जोहान्सबर्ग, 25 जनवरी (आईएएनएस)| वंडर्स स्टेडियम में खेले जा रहे तीसरे और आखिरी टेस्ट मैच के दूसरे दिन गुरुवार को दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों के लिए भारत के 187 के कुल स्कोर के पार जाना मुश्किल हो गया है। भारतीय तेज गेंदबाजों ने बल्लेबाजों पर दबाव बनाया हुआ है। दिन के दूसरे सत्र का खेल खत्म होने तक मेजबान टीम ने 54 ओवरों में 143 रनों पर अपने छह विकेट खो दिए हैं। चायकाल की घोषणा होने तक हाशिम अमला 54 रन बनाकर खड़े हुए हैं। उनके साथ वर्नोन फिलेंडर 13 रन बनाकर खेल रहे हैं।

अमला के अलावा मेजबान टीम के सभी मुख्य बल्लेबाजों को भारतीय गेंदबाजों ने पवेलियन पहुंचा दिया है। दक्षिण अफ्रीका अभी भी भारत के पहली पारी के स्कोर से 44 रन पीछे है।

पहले दिन का अंत एक विकेट के नुकसान पर छह रनों के साथ करने वाली मेजबान टीम दूसरे दिन लगातार विकेट खोती रही। भारत ने दूसरे दिन के पहले सत्र में मेजबान टीम के दो बल्लेबाजों को आउट किया। पहले दिन भारत को शुरुआती सफलात दिलाने वाले भुवनेश्वर कुमार ने दूसरे दिन डीन एल्गर को विकेट के पीछे पार्थिव पटेल के हाथों कैच करा मेजबान टीम का दूसरा विकेट झटका। एल्गर ने चार रन बनाए जिसके लिए उन्होंने 40 गेंदें खेलीं।

इसके बाद बुधवार के नाबाद नाइट वॉचमैन कागिसो रबादा (30) और अमला ने मेजबान टीम को संभाला। दोनों ने तीसरे विकेट के लिए 64 रनों की साझेदारी की। रबादा जब अपने पैर जमा चुके थे, तभी ईशांत शर्मा की गेंद उनके बल्ले को छूती हुई चौथी स्लिप में खड़े अंजिक्य रहाणे के हाथों में गई। रहाणे ने बेहतरीन कैच पकड़ते हुए भारत को तीसरी सफलता दिलाई।

पहले सत्र का खेल खत्म होने तक अमला विकेट पर जमे हुए थे और उनके साथ देने दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजी की धुरी माने जाने वाले अब्राहम डिविलियर्स विकेट पर आ चुके थे। लेकिन, अफ्रीकी बल्लेबाजों को सबसे ज्यादा परेशान करने वाल भुवनेश्वर ने डिविलियर्स (5) को एक बेहतरीन इन स्विंग गेंद पर बोल्ड कर दिया।

कप्तान फाफ डु प्लेसिस सिर्फ सात रनों का ही योगदान दे सके। उन्हें जसप्रीत बुमराह ने बोल्ड किया। वह 125 के कुल स्कोर पर आउट हुए। क्विंटन डी कॉक (8) एक बार फिर विफल हुए और बुमराह की गेंद पर विकेट के पीछे पटेल को कैच देकर पवेलियन लौट लिए।

इससे पहले, मैच के पहले दिन भारतीय टीम 187 रनों पर ही ढेर हो गई थी। वंडर्स की तेज और उछाल भरी पिच पर अफ्रीकी गेंदबाजों ने भारतीय बल्लेबाजों पर कहर बरपाया और सिर्फ तीन बल्लेबाजों को ही दहाई के आंकड़े तक पहुंचने दिया।

कप्तान विराट कोहली ने सबसे ज्यादा 54 रन बनाए। चेतेश्वर पुजारा ने बेहद धीमी लेकिन सूझबूझ भरी पारी खेलते हुए 179 गेंदों में आठ चौकों की मदद से 50 रन बनाए। दोनों ने तीसरे विकेट के लिए 84 रनों की साझेदारी की। यह साझेदारी तब आई जब भारत ने 13 रनों पर ही अपने दो विकेट खो दिए थे।

अंत में भुवनेश्वर ने बहुमूल्य 30 रनों की पारी खेल भारत को 187 के कुल स्कोर तक पहुंचाया था।

दक्षिण अफ्रीका की तरफ से राबादा ने सबसे ज्यादा तीन विकेट लिए। वर्नोन फिलेंडर, मोर्ने मोर्केल, और अंदिले फेहुलकवायो को दो-दो सफलताएं मिलीं। लुंगी नगिडी को एक विकेट मिला।

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खेल-कूद

IPL Auction: 13 साल के वैभव सूर्यवंशी ने रचा इतिहास, बन गए सबसे युवा करोड़पति

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पटना। बिहार के वैभव सूर्यवंशी ने महज 13 साल की उम्र में इतिहास रच दिया है। वैभव को आईपीएल मेगा नीलामी में राजस्थान रॉयल्स ने 1.1 करोड़ रुपये में खरीद लिया है। 13 साल 243 दिन की उम्र में वैभव आईपीएल के इतिहास में सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए। रॉयल्स और दिल्ली कैपिटल्स उन्हें अपने साथ जोड़ने में दिलचस्पी दिखाई। राजस्थान ने 1.1 करोड़ रुपये में अपने साथ जोड़ा।

वैभव ने हाल ही में सबका ध्यान अपनी ओर खींचा जब वह अंतरराष्ट्रीय शतक बनाने वाले सबसे युवा बल्लेबाज (13 वर्ष, 288 दिन) बने। उन्होंने चेन्नई में ऑस्ट्रेलिया अंडर-19 के खिलाफ भारत अंडर-19 के लिए खेले गए यूथ टेस्ट में 62 गेंदों पर 104 रन बनाए। बाएं हाथ के इस खिलाड़ी ने 58 गेंदों पर शतक बनाया। यह किसी भारतीय का सबसे तेज यूथ टेस्ट शतक और दुनिया में दूसरा सबसे तेज शतक था।

वैभव एक बेहतरीन खिलाड़ी है और उम्मीद जताई जा रही है कि 2025 आईपीएल में वह जबरदस्त प्रदर्शन करेंगे। वैभव की बात करें तो वह बिहार के समस्तीपुर जिले के रहने वाले हैं। महज 13 साल के बेटे के करोड़पति बनने के बाद उनके पिता भावुक नजर आ रहे हैं।

एक मीडिया चैनल को दिए गए इंटरव्यू में वैभव के पिता संजीव सूर्यवंशी ने कहा कि अपने बेटे के सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने बहुत कुछ किया। अपनी खेती तक की जमीन बेच दी ताकि वैभव क्रिकेट खेल सके और अपना करियर बना सके। वैभव के बारे में बात करते हुए पिता ने बताया कि उसे हमेशा से क्रिकेट में रूचि थी और वह महज 5 साल का था, तब से क्रिकेट खेल रहा है। वैभव को उनके पिता ने ही घर में नेट प्रैक्टिस करवाई, जिसके बागद समस्तीपुर क्रिकेट एकेडमी भेजा। उनके पिता ने बेटे की कामयाबी के लिए बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश तिवारी का भी शुक्रिया किया।

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