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बिजनेस

‘कमजोर दिलवालों के लिए बिजनेस की डगर आसान नहीं’

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नई दिल्ली, 31 जनवरी (आईएएनएस)| एक कारोबारी का रास्ता आसान नहीं होता। जब कोई कारोबार शुरू किया जाता है तो सामने कई अनजाने खतरे या चुनौतियां आती हैं। एक कारोबारी के रूप में किसी संस्थान को चलाने की काबिलियत पर पूरा विश्वास होना चाहिए।

आईआईटी रुड़की के प्रोफेसर विजय कुमार नांगिया ने एमबीए के छात्रों को बताया, अगर आपको सफल कारोबारी बनना है और अपने बिजनेस को टॉप तक पहुंचाना है तो आप में नए-नए विचारों के लिए जुनून होना चाहिए। अपने वित्त प्रबंधन के लिए भी काफी जागरूक और सतर्क होना चाहिए। एक कारोबारी को सेल्फ प्रमोशन करने में बिल्कुल नहीं शर्माना चाहिए।

क्वांटम यूनिवर्सिटी क्वांटम स्कूल ऑफ बिजनेस की ओर से एमबीए फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स और फैकल्टी मेंबर्स के लिए एक दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का संचालन आईआईटी रुड़की के प्रोफेसर विजय कुमार नांगिया और सीए समीक्षा जैन ने किया। इस वर्कशॉप (कार्यशाला) में उन्होंने परियोजना विकास के विभिन्न महत्वपूर्ण पहलुओं का नए व्यापार के विकास में उनके प्रभाव पर प्रकाश डाला।

आईआईटी रुड़की के प्रोफेसर विजय कुमार नांगिया ने एमबीए के छात्रों को बताया, आपको नेटवर्किं ग की अहमियत का पता होना चाहिए। जुबान का पक्का होना चाहिए। इसी के साथ ठोस ऑनलाइन पोर्टफोलियो भी होना चाहिए। आपको एक कारोबारी के रूप में अपनी सफलताओं और असफलताओं से लगातार सीखते रहना चाहिए।

सीए समीक्षा जैन ने कहा, अपने नए स्टार्टअप या बिजनेस वेंचर को शुरू करने के लिए उत्साहित होना बहुत अच्छी बात है, पर किसी भी कारोबार में हाथ आजमाने से पहले आपको बाजार के रुख, निवेशकों और कारोबार के बारीक पहलुओं की जानकारी होना बहुत जरूरी है।

क्वांटम स्कूल ऑफ बिजनेस के निदेशक डॉ. रोहित कुशवाहा ने कहा, किसी भी कारोबार में ऊंचाई तक पहुंचने के लिए आपको रचनात्मक और कल्पनाशील होना चाहिए। आपको उस तरह की मार्केटिंग की रणनीति की जानकारी होनी चाहिए, जिनके बारे में आपके प्रतिस्पर्धी अनुमान भी न लगा सके। आपके बिजनेस की सफलता इस पर निर्भर करती है कि आप दूसरों से अलग हटकर कितना सोचते हैं।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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