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खेल-कूद

खेलो इंडिया स्कूल गेम्स : तमिलनाडु की सुमाथिरा ने एथलेटिक्स में जीते दो स्वर्ण

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नई दिल्ली, 3 फरवरी (आईएएनएस)| तमिलनाडु की सुमाथिरा बालाकृष्णन ने शनिवार को खेलो इंडिया स्कूल गेम्स की एथलेटिक्स प्रतियोगिता के अंतिम दिन दो स्वर्ण अपने नाम किए।

17 साल की इस धाविका ने लड़कियों की 400 मीटर रेस के अलावा अपनी साथियों के साथ मिलकर 4 गुणा 400 मीटर रिले में भी पहला स्थान हासिल किया। सुमाथिरा ने जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 400 मीटर की दूरी 56.39 सेकेंड में पूरी की और खुद को इस स्पर्धा में देश की नई पौध के रूप में स्थापित किया। इसका कारण यह है कि सुमाथिरा के अलावा इस स्पर्धा के फाइनल में दौड़ने वाली बाकी सभी छह धाविकाएं 60 सेकेंड से अधिक का ही समय निकाल सकीं। इसके साथ सुमाथिरा ने भविष्य में भारत की 4 गुणा 400 मीटर रिले टीम के फिर से सशक्त होने के भी संकेत दिए।

सुमाथिरा ने शनिवार को अपना ही रिकार्ड बेहतर किया। एसजीएफआई नेशनल यू-19 रोहतक में सुमाथिरा ने 56.45 सेकेंड का समय निकाला था। रेस के बाद सुमाथिरा ने कहा, मैं खुश हूं लेकिन संतुष्ट नहीं हूं क्योंकि मेरे कोच ने इससे बेहतर समय की आस लगाई थी

आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और केरल ने लड़कों के 400 मीटर स्पर्धा में क्लीन स्वीप किया। आंध्र के धनुष कुमार ने 49.05 सेकेंड के साथ इस स्पर्धा का स्वर्ण जीता जबकि तेलंगाना के डी. श्रीकांत ने 49.09 सेकेंड के साथ रजत जीता। केरल के टीके सायोज ने 49.75 सेकेंड के साथ तीसरा स्थान हासिल किया।

मध्यम दूरी और लम्बी दूरी की रेसों में अच्छा करने वाले उत्तराखंड के लड़कों ने 5000 मीटर पैदल चाल में भी अच्छा प्रदर्शन किया। परमजीत बिष्ठ और मुकेश कुमार ने परचम लहराते हुए क्रमश: 21.19.84 मिनट और 21.26.71 मिनट के साथ पहला और दूसरा स्थान हासिल किया।

लड़कियों की 3000 मीटर पैदल चाल में उत्तराखंड की मानसी नेगी और उत्तर प्रदेश की मुनिता प्रजापति के बीच अंतिम दो लैप में जबरदस्त प्रतिस्पर्धा हुई, जिसमें अंतत: मानसी ने बाजी मारी। मानसी ने अंतिम 100 मीटर में मुनिता को दोयम साबित करते हुए 14.44.44 सेकेंड के साथ यह रेस जीती और वाक इवेंट में उत्तराखंड को गोल्डन डबल दिलाया।

लड़कों की भाला फेंक स्पर्धा में उत्तर प्रदेश के अमित यादव ने 64.09 मीटर के साथ पहला स्थान हासिल किया जबकि उनके ही प्रदेश के अशरफ अहमद ने 60.54 मीटर के साथ अपने प्रदेश को रजत दिलाया। ये दोनों पूर्व राष्ट्रीय चैम्पियन रुस्तम के शिष्य हैं। इस स्पर्धा का कांस्य पंजाब के पारन देसवाल ने 58.14 मीटर के साथ जीता।

लड़कों के पोल वाल्ट में महाराष्ट्र के राकेश गोंड ने 4.70 मीटर के साथ बाजी मारी जबकि उत्तर प्रदेश के दीपक यादव ने 4.30 मीटर के साथ दूसरा स्थान हासिल किया। उत्तर प्रदेश के संदीप कुमार (4.15 मीटर) ने कांस्य जीता।

शुक्रवार को 100 मीटर रेस के फाइनल में फाल्स स्टार्ट के कारण अयोग्य करार दिए गए महाराष्ट्र के करण हेगिस्टे ने शनिवार को स्वर्ण के साथ उस निराशा को पीछे छोड़ा। करण ने चार गुणा 100 मीटर में अपने साथियों के साथ स्वर्ण जीता।

लड़िकयों की चार गुणा 100 मीटर रिले में हालांकि महाराष्ट्र की लड़कियों को रजत से ही संतोष करना पड़ा क्योंकि केरल की लड़कियों ने 48.61 सेकेंड के साथ पहला स्थान हासिल किया। इस टीम की सदस्या एंसी सोजन ने इन खेलों का अपना तीसरा पदक जीता।

केरल के ही लड़कों ने चार गुणा 400 मीटर रिले का भी स्वर्ण जीता। इस टीम ने 3.32.75 मिनट के साथ पहला स्थान हासिल किया। तमिलनाडु की टीम 3.33.82 सेकेंड के साथ दूसरा स्थान हासिल किया। महाराष्ट्र ने 3,33.32 मिनट के साथ तीसरा स्थान पाया। एथलेटिक्स प्रतियोगिता का रोमांचक समापन हुआ।

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खेल-कूद

IPL Auction: 13 साल के वैभव सूर्यवंशी ने रचा इतिहास, बन गए सबसे युवा करोड़पति

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पटना। बिहार के वैभव सूर्यवंशी ने महज 13 साल की उम्र में इतिहास रच दिया है। वैभव को आईपीएल मेगा नीलामी में राजस्थान रॉयल्स ने 1.1 करोड़ रुपये में खरीद लिया है। 13 साल 243 दिन की उम्र में वैभव आईपीएल के इतिहास में सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए। रॉयल्स और दिल्ली कैपिटल्स उन्हें अपने साथ जोड़ने में दिलचस्पी दिखाई। राजस्थान ने 1.1 करोड़ रुपये में अपने साथ जोड़ा।

वैभव ने हाल ही में सबका ध्यान अपनी ओर खींचा जब वह अंतरराष्ट्रीय शतक बनाने वाले सबसे युवा बल्लेबाज (13 वर्ष, 288 दिन) बने। उन्होंने चेन्नई में ऑस्ट्रेलिया अंडर-19 के खिलाफ भारत अंडर-19 के लिए खेले गए यूथ टेस्ट में 62 गेंदों पर 104 रन बनाए। बाएं हाथ के इस खिलाड़ी ने 58 गेंदों पर शतक बनाया। यह किसी भारतीय का सबसे तेज यूथ टेस्ट शतक और दुनिया में दूसरा सबसे तेज शतक था।

वैभव एक बेहतरीन खिलाड़ी है और उम्मीद जताई जा रही है कि 2025 आईपीएल में वह जबरदस्त प्रदर्शन करेंगे। वैभव की बात करें तो वह बिहार के समस्तीपुर जिले के रहने वाले हैं। महज 13 साल के बेटे के करोड़पति बनने के बाद उनके पिता भावुक नजर आ रहे हैं।

एक मीडिया चैनल को दिए गए इंटरव्यू में वैभव के पिता संजीव सूर्यवंशी ने कहा कि अपने बेटे के सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने बहुत कुछ किया। अपनी खेती तक की जमीन बेच दी ताकि वैभव क्रिकेट खेल सके और अपना करियर बना सके। वैभव के बारे में बात करते हुए पिता ने बताया कि उसे हमेशा से क्रिकेट में रूचि थी और वह महज 5 साल का था, तब से क्रिकेट खेल रहा है। वैभव को उनके पिता ने ही घर में नेट प्रैक्टिस करवाई, जिसके बागद समस्तीपुर क्रिकेट एकेडमी भेजा। उनके पिता ने बेटे की कामयाबी के लिए बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश तिवारी का भी शुक्रिया किया।

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