खेल-कूद
जर्मन कप : बायर लेवरकुसेन ने सेमीफाइनल में प्रवेश किया
लेवरकुसेन (जर्मनी), 7 फरवरी (आईएएनएस)| बायेर लेवरकुसेन ने वेरडेर ब्रेमेन को 4-2 से हराकर पिछले नौ वर्षो में पहली बार जर्मन कप के सेमीफाइनल में जगह बनाई है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, मैच का पहला गोल मेहमान टीम के लिए मैक्स क्रूस ने चौथे मिनट में किया।
इसके बाद सातवें मिनट में एराने जोहानसन ने गोल कर ब्रेमेन को 2-0 की बढ़त दिला दी।
दवाब में दिख रही लेवरकुसेन ने मैच में दमदार वापसी की और जूलियन ब्रैंड ने 31वें मिनट में टीम के लिए पहला गोल किया। दूसरे हाफ में 55वें मिनट में ब्रैंड ने अपना गोल कर मेजबान टीम को 2-2 की बराबरी पर ला खड़ा किया।
निर्धारित समय तक मैच का फैसला नहीं हो पाया। अतिरिक्त समय में लेवरकुसेन के बेलारावी ने 111वें मिनट में गोल दागा। इसके बाद 118वें मिनट में काई हावेत्ज ने गोल कर मेजबान टीम की जीत सुनिश्चित कर दी।
एक अन्य क्वार्टर फाइनल मैच में बायर्न म्यूनिख ने पेडरबॉर्न को 6-0 से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया।
खेल-कूद
IPL Auction: 13 साल के वैभव सूर्यवंशी ने रचा इतिहास, बन गए सबसे युवा करोड़पति
पटना। बिहार के वैभव सूर्यवंशी ने महज 13 साल की उम्र में इतिहास रच दिया है। वैभव को आईपीएल मेगा नीलामी में राजस्थान रॉयल्स ने 1.1 करोड़ रुपये में खरीद लिया है। 13 साल 243 दिन की उम्र में वैभव आईपीएल के इतिहास में सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए। रॉयल्स और दिल्ली कैपिटल्स उन्हें अपने साथ जोड़ने में दिलचस्पी दिखाई। राजस्थान ने 1.1 करोड़ रुपये में अपने साथ जोड़ा।
वैभव ने हाल ही में सबका ध्यान अपनी ओर खींचा जब वह अंतरराष्ट्रीय शतक बनाने वाले सबसे युवा बल्लेबाज (13 वर्ष, 288 दिन) बने। उन्होंने चेन्नई में ऑस्ट्रेलिया अंडर-19 के खिलाफ भारत अंडर-19 के लिए खेले गए यूथ टेस्ट में 62 गेंदों पर 104 रन बनाए। बाएं हाथ के इस खिलाड़ी ने 58 गेंदों पर शतक बनाया। यह किसी भारतीय का सबसे तेज यूथ टेस्ट शतक और दुनिया में दूसरा सबसे तेज शतक था।
वैभव एक बेहतरीन खिलाड़ी है और उम्मीद जताई जा रही है कि 2025 आईपीएल में वह जबरदस्त प्रदर्शन करेंगे। वैभव की बात करें तो वह बिहार के समस्तीपुर जिले के रहने वाले हैं। महज 13 साल के बेटे के करोड़पति बनने के बाद उनके पिता भावुक नजर आ रहे हैं।
एक मीडिया चैनल को दिए गए इंटरव्यू में वैभव के पिता संजीव सूर्यवंशी ने कहा कि अपने बेटे के सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने बहुत कुछ किया। अपनी खेती तक की जमीन बेच दी ताकि वैभव क्रिकेट खेल सके और अपना करियर बना सके। वैभव के बारे में बात करते हुए पिता ने बताया कि उसे हमेशा से क्रिकेट में रूचि थी और वह महज 5 साल का था, तब से क्रिकेट खेल रहा है। वैभव को उनके पिता ने ही घर में नेट प्रैक्टिस करवाई, जिसके बागद समस्तीपुर क्रिकेट एकेडमी भेजा। उनके पिता ने बेटे की कामयाबी के लिए बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश तिवारी का भी शुक्रिया किया।
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