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‘बेहद’ की ‘माया’ ने नहीं बल्कि ‘FAN’ ने उठाया ऐसा कदम, अर्जुन के लिए काटा अपना हाथ

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बॉलीवुड सितारों के लिए फैंस की दीवानगी आम है। चाहे फिल्मी सितारें हो या छोटे पर्दे के कलाकार सोशल मीडिया के दौर में सभी के पास फैंस की लंबी कतार है। मगर कभी कभी-कभी फैंस का प्यार इन सितारों के लिए मुसीबत की वजह भी बन जाता है।

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ऐसा ही हुआ है टीवी एक्टर कुशाल टंडन के साथ । जी हां, बेहद एक्टर कुशाल टंडन के लिए एक फैन की ऐसी ही दीवानगी देखने को मिली है ।

nullदरअसल कुशाल के लिए एक फीमेल फैन के लिए अपने हाथ काट लिया था । जिसके बाद हाल ही में कुशाल टंडन अपने इसी फैंस से मिले जिसने अपने हाथ पर चाकू से कुशाल का नाम लिखा हुआ था । बाद में इस फैन से मिलने के बाद कुशाल ने फैंस की ऐसी हरकतों पर गुस्सा जाहिर किया और पोस्ट के जरिए इस वाकये को शेयर किया । कुशाल ने गुस्से में पोस्ट तो कर दिया था लेकिन बाद में अपने पोस्ट को सोशल मीडिया से हटा लिया।

Related imageहाल ही में एक इंटरव्यू में कुशाल ने कहा कि, मैं जानता हूँ कि वो अरेबिक फैन कौन है और मैं उसको बताना चाहता हूँ कि मुझे उसकी ये हरकत पसंद नहीं आई ङै । मैं ऐसे पागलपन को सपोर्ट नहीं करता हूं । मैं सबसे रिक्वेस्ट करता हूँ कि अपने पसंदीदा कलाकार को इंप्रेस करने के लिए ये सब ना करें ।

Image result for बेहदबता दें कि छोटे पर्दे के कलाकर कुशल टंडन 2011 में सीरियल ‘एक हजारों में मेरी बहना है’ से टीवी पर डेब्यू किया था। उसके बाद कुशाल टंडन कलर्स के विवादित शो बिग बॉस के 7वें सीजन का भी हिस्सा बने थे। जहां गौहर खान के साथ उनके रिश्ते ने खूब सुर्खिया बटोरी थी। फिर सोनी टीवी के शो ‘बेहद’ में नजर आए।

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बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन

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चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.

लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.

महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’

राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”

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