Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

उप्र विधानमंडल सत्र : कासगंज हिंसा पर हंगामे के आसार

Published

on

Loading

लखनऊ, 7 फरवरी (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश में विधानमंडल सत्र गुरुवार से शुरू हो रहा है। इस बार योगी सरकार को कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर विपक्ष के तीखे सवालों का सामना करना पड़ेगा।

पिछले दिनों कासगंज में हुई सांप्रदायिक हिंसा को लेकर सदन में हंगामा होने के पूरे आसार हैं। इस बीच योगी सरकार का पूरा ध्यान 21 व 22 को होने वाली निवेशक शिखर सम्मेलन और लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर चुनावी बजट पेश करने पर रहेगा। विधानमंडल के बजट सत्र की शुरुआत आठ फरवरी को सुबह 11 बजे संयुक्त सदन में राज्यपाल राम नाईक के अभिभाषण से होगी। इसी दिन विधानसभा में अपराह्न् 12़ 30 बजे से विधायी कार्य होगा और नौ फरवरी से अभिभाषण पर चर्चा शुरू होगी।

इसके बाद 10 और 11 फरवरी को दोनों सदनों की बैठक नहीं होगी। 12-13 फरवरी को अभिभाषण पर चर्चा और 14 फरवरी को महाशिवरात्रि का अवकाश रहेगा। अभिभाषण पर 15 फरवरी को चर्चा जारी रहेगी। 16 फरवरी को अपराह्न् 12़ 20 बजे दोनों सदनों में बजट प्रस्तुत किया जाएगा।

इसी महीने प्रस्तावित उप्र निवेशक शिखर सम्मेलन और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिहाज से यह बजट सरकार के लिए खासा अहमियत रखता है। वित्त विभाग के सूत्रों के मुताबिक बजट का आकार तकरीबन सवा चार लाख करोड़ रुपये होने की संभावना है।

प्रदेश में निवेश जुटाने और उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए बजट के जरिए जहां सरकार राज्य में बुनियादी ढांचे के विकास को रफ्तार देना चाहेगी, वहीं लोकसभा चुनाव को देखते हुए उसकी निगाहें वोटों के गणित पर भी होगी। इस लिहाज से बजट के जरिए युवाओं, किसानों, कामगारों और महिलाओं को लुभाने और साधने की कोशिश होगी।

Continue Reading

नेशनल

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर कही बड़ी बात

Published

on

Loading

कर्नाटक। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया जिनमें दावा किया गया था कि राज्य सरकार नौकरियों में मुस्लिम आरक्षण के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। उन्होंने रिपोर्टों को एक और नया झूठ बताया। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने एक बयान में स्पष्ट किया कि आरक्षण की मांग की गई है लेकिन इस संबंध में सरकार के समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। यह स्पष्टीकरण कर्नाटक में मुसलमानों के लिए आरक्षण के मुद्दे पर चल रहे विवाद के बीच आया है।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने जारी किया बयान

मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘कुछ मीडिया में रिपोर्ट प्रकाशित हुई है कि नौकरियों में मुसलमानों को आरक्षण देने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष है। इसमें कहा गया है कि मुस्लिम आरक्षण की मांग की गई है, हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि इस संबंध में सरकार के समक्ष कोई प्रस्ताव नहीं है।’

4% कोटा, जो श्रेणी-2बी के अंतर्गत आता, सार्वजनिक निर्माण अनुबंधों के लिए समग्र आरक्षण को 47% तक बढ़ा देता। कर्नाटक का वर्तमान आवंटन विशिष्ट सामाजिक समूहों के लिए सरकारी ठेकों का 43% आरक्षित रखता है: एससी/एसटी ठेकेदारों के लिए 24%, श्रेणी-1 ओबीसी के लिए 4%, और श्रेणी-2ए ओबीसी के लिए 15% है।

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने कहा कि सिद्धारमैया के राजनीतिक सचिव, नसीर अहमद, आवास और वक्फ मंत्री बीजे ज़मीर अहमद खान और अन्य मुस्लिम विधायकों के साथ, 24 अगस्त को एक पत्र प्रस्तुत किया था, जिसमें अनुबंधों में मुसलमानों के लिए 4% आरक्षण का अनुरोध किया गया था। उन्होंने आगे कहा कि सिद्धारमैया ने वित्त विभाग को उसी दिन प्रस्ताव की समीक्षा करने का निर्देश दिया था, कथित तौर पर उन्होंने इस मामले से संबंधित कर्नाटक सार्वजनिक खरीद पारदर्शिता (केटीपीपी) अधिनियम में संशोधन का भी समर्थन किया था।

Continue Reading

Trending