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राज्यसभा टीवी को भाजपा टीवी नहीं बनाएं : कांग्रेस

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नई दिल्ली, 7 फरवरी (आईएएनएस)| राज्यसभा टीवी पर कवरेज देने में विपक्षी पार्टियों के खिलाफ भेदभाव का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने बुधवार को सदन से लोक प्रसारक को भाजपा टीवी में नहीं बदलने का आग्रह किया।

राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, यह एक गंभीर मुद्दा है। सभी राजनीतिक पार्टियों को राज्यसभा टीवी द्वारा उचित कवरेज मिलना चाहिए। राज्यसभा टीवी पर डेरेक ओ’ ब्रायन के भाषण का करीब पांच मिनट का हिस्सा प्रसारित नहीं किया गया।

आजाद ने कहा, यह राज्यसभा टीवी है, इसे भाजपा टीवी मत बनाइए।

गुलाम नबी आजाद ने तृणमूल नेता ओ’ ब्रायन के आरोप के बाद यह टिप्पणी की। डेरेक ओ’ ब्रायन ने आरोप लगाया कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में उनके पहले पांच मिनट के भाषण को ब्लैकआउट कर दिया गया।

ओ’ ब्रायन ने कहा कि राज्यसभा टीवी ने उनके भाषण का प्रसारण बंद कर दिया था।

बाद में आजाद ने इस मामले की एक सर्वदलीय समिति द्वारा जांच की मांग की।

आजाद ने कहा, मैं सोमवार की रात राज्यसभा टीवी देख रहा था और मैंने पाया कि 98 फीसदी कवरेज भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के भाषण को दिया गया, जबकि विपक्षी दलों के विचारों को सिर्फ 16 सेकेंड प्रसारित किया गया।

आजाद ने कहा, ऐसा मत कीजिए। इस मामले की सर्वदलीय प्रतिनिधियों द्वारा जांच की जरूरत है।

समाजवादी पार्टी के सदस्य नरेश अग्रवाल ने मंगलवार को आरोप लगाया था कि राज्यसभा टीवी भारतीय जनता पार्टी का टीवी बन गया है।

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नेशनल

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर कही बड़ी बात

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कर्नाटक। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया जिनमें दावा किया गया था कि राज्य सरकार नौकरियों में मुस्लिम आरक्षण के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। उन्होंने रिपोर्टों को एक और नया झूठ बताया। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने एक बयान में स्पष्ट किया कि आरक्षण की मांग की गई है लेकिन इस संबंध में सरकार के समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। यह स्पष्टीकरण कर्नाटक में मुसलमानों के लिए आरक्षण के मुद्दे पर चल रहे विवाद के बीच आया है।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने जारी किया बयान

मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘कुछ मीडिया में रिपोर्ट प्रकाशित हुई है कि नौकरियों में मुसलमानों को आरक्षण देने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष है। इसमें कहा गया है कि मुस्लिम आरक्षण की मांग की गई है, हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि इस संबंध में सरकार के समक्ष कोई प्रस्ताव नहीं है।’

4% कोटा, जो श्रेणी-2बी के अंतर्गत आता, सार्वजनिक निर्माण अनुबंधों के लिए समग्र आरक्षण को 47% तक बढ़ा देता। कर्नाटक का वर्तमान आवंटन विशिष्ट सामाजिक समूहों के लिए सरकारी ठेकों का 43% आरक्षित रखता है: एससी/एसटी ठेकेदारों के लिए 24%, श्रेणी-1 ओबीसी के लिए 4%, और श्रेणी-2ए ओबीसी के लिए 15% है।

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने कहा कि सिद्धारमैया के राजनीतिक सचिव, नसीर अहमद, आवास और वक्फ मंत्री बीजे ज़मीर अहमद खान और अन्य मुस्लिम विधायकों के साथ, 24 अगस्त को एक पत्र प्रस्तुत किया था, जिसमें अनुबंधों में मुसलमानों के लिए 4% आरक्षण का अनुरोध किया गया था। उन्होंने आगे कहा कि सिद्धारमैया ने वित्त विभाग को उसी दिन प्रस्ताव की समीक्षा करने का निर्देश दिया था, कथित तौर पर उन्होंने इस मामले से संबंधित कर्नाटक सार्वजनिक खरीद पारदर्शिता (केटीपीपी) अधिनियम में संशोधन का भी समर्थन किया था।

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