Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

ऑफ़बीट

भारत का एक ऐसा गांव जहां रातों-रात हर व्यक्ति बन गया करोड़पति

Published

on

Loading

नई दिल्ली। हिन्दुस्तान में करोड़पतियों की तादाद हर साल लगातार बढ़ रही है, और इसमें बुधवार को एक साथ 31 लोग बढ़ गए। सबसे दिलचस्प तथ्य यह है कि सभी 31 एक ही गांव के रहने वाले हैं और सभी रातों-रात करोड़पतियों की लिस्ट में शामिल हो गए।

यह गांव पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले में स्थित है। इस गांव का नाम बोमजा है। गांव में भारतीय सेना का गैरिसन बनाने के लिए जमीनों का अधिग्रहण किया गया था, जिसकी एवज में गांव के रहने वालों को मुआवजा वितरित किया गया।

अरुणाचल प्रदेश सरकार की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने अपने निर्वाचन क्षेत्र मुक्तो में स्थित लोऊ गांव में आयोजित कार्यक्रम के दौरान 31 लोगों को 200.056 एकड़ जमीन की एवज में 40,80,38,400 रुपये मुआवजे के चेक वितरित किए। मुआवजे के रूप में सबसे बड़ी रकम का चेक 6,73,29,925 रुपये का था, और उसके बाद सबसे बड़ा चेक 2,44,97,886 रुपये का था। शेष 29 लोगों में से प्रत्येक को 1,09,03,813 रुपये का चेक दिया गया।

मुख्यमंत्री ने लम्बे समय से पेंडिंग ज़मीन मुआवजे को मंज़ूरी देने के लिए केंद्रीय रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण को धन्यवाद दिया तथा जानकारी दी कि रक्षा उद्देश्यों से जुड़े इसी तरह के अन्य भूमि अधिग्रहणों की एवज में दिए जाने वाले मुआवजे के बारे में केंद्र से बातचीत जारी है। पेमा खांडू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राज्य अब सही रास्ते में चल निकला है। उन्होंने कहा कि केंद्र के सहयोग से अरुणाचल प्रदेश में तेजी से विकास हो रहा है, तथा रेल, हवाई, डिजिटल तथा सड़क कनेक्टिविटी पर खास जोर दिया जा रहा है।

Continue Reading

ऑफ़बीट

बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन

Published

on

Loading

चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.

लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.

महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’

राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”

Continue Reading

Trending