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कावेरी विवाद: सुप्रीम कोर्ट से मिली कर्नाटक को राहत, तमिलनाडु के पानी में कटौती
नई दिल्ली। देश में 120 साल पुराने कावेरी जल विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने आज ऐतिहासिक फैसला सुनाया है सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को तमिलनाडु को दिए जाने वाले पानी की मात्रा को कम कर दिया है सुप्रीम कोर्ट ने अब इसे 193 क्यूसेक से घटाकर 177.27 क्यूसेक करा है यानी की अब कर्नाटक को भविष्य में मिलने वाली पानी की मात्रा बढ़ जाएगी उसे अतिरिक्त 14 क्यूसेक पानी मिलेगा
फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के इस ऐतिहासिक फैसले के बाद अब राज्यों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है बेंगलुरु में सुरक्षा व्यवस्थाओं को पुख्ता कर दिया है ताकि किसी भी विरोधिक स्थिति से निपटा जा सके। कुछ ही महीनों में कर्नाटक में विधानसभा चुनाव होने की वजह से भी सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला महत्वपूर्ण माना जा रहा है
बता दें कि, मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा, एएम खानविलकर और डीवाई चंद्रचूड़ ने पिछले साल 20 सितंबर को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। यह विवाद करीब 120 साल पुराना है।
कावेरी जल विवाद न्यायाधिकरण (सीडब्ल्यूडीटी) के 2007 में दिए गए आदेश को कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सीडब्ल्यूडीटी ने 2007 में इस विवाद पर सर्वसम्मति से फैसला दिया था। उसने तमिलनाडु में 192 टीएमसी (1000 मिलियन क्यूबिक) फीट पानी को कर्नाटक द्वारा मेटटूर बांध में छोड़ने के आदेश दिए थे, जबकि कर्नाटक को 270, केरल को 30 और केरल को सात टीएमसी फीट जल आवंटित किया था।
पिछले कुछ सालों में अनियमित मानसून और बेंगलुरु में भारी जल संकट की वजह से कर्नाटक बार-बार यह कहता रहा है कि उसके पास कावेरी नदी बेसिन में इतना पानी नहीं है कि वह तमिलनाडु को उसका हिस्सा दे सके। वहीं, तमिलनाडु का तर्क है कि राज्य के किसान साल में दो फसल बोते हैं, इसलिए उन्हें कर्नाटक के मुकाबले ज्यादा पानी मिलना चाहिए। साल 2016 में कावेरी विवाद पर आए सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद पूरे कर्नाटक में बड़े पैमाने पर हिंसक प्रदर्शन हुए थे। इसी मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आज ये फैसला सुनाया है।
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महाराष्ट्र के CM एकनाथ शिंदे ने दिया इस्तीफा, क्या फडणवीस के सिर सजेगा ताज ?
मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने राज्यपाल राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन को अपना इस्तीफा सौंपा है। इस दौरान डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार भी मौजूद थे। विधानसभा का कार्यकाल आज यानी 26 नवंबर तक ही है। नए मुख्यमंत्री की शपथ की तारीख तय नहीं है। तब तक शिंदे कार्यवाहक सीएम रहेंगे।
इस बीच महाराष्ट्र में अगली सरकार के गठन की रूपरेखा लेकर चर्चा तेज हो गई है। खबर है कि गृह मंत्री अमित शाह मंगलवार को देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात कर सकते हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले ‘महायुति’ गठबंधन ने 288 सदस्यीय विधानसभा में 235 सीट हासिल की हैं। जिसमें बाजेपी अकेली 135 सीटों पर कब्जा कर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।
बीजेपी की महाराष्ट्र में ये अब तक की सबसे बड़ी जीत है। शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 57 सीट पर जीत हासिल की और अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा ने 41 सीट पर जीत दर्ज की है। मौजूदा उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सीएम की रेस में सबसे आगे चल रहे है।
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