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प्रादेशिक

संदिग्ध हालात में बाथरूम में मृत मिले पति-पत्नी, नग्न अवस्था में था शव

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गाजियाबाद। इंदिरापुरम के ज्ञान खंड-एक में शुक्रवार रात पति-पत्नी की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। दोनों का शव बेडरूम से अटैच बाथरूम में नग्न अवस्था में मिला।

जानकारी के मुताबिक, 38 साल के नीरज सिंघानिया और उनकी पत्नी रुचि सिंघानिया बाथरूम में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाए गए। नीरज मैट्रिक्स सेल्युलर नामक मल्टीनेशनल कंपनी में डीजीएम (उप महाप्रबंधक) थे और वह दिल्ली के महरौली में तैनात थे। उनकी पत्नी रुचि (35) नोएडा की इंश्योरेंस कंपनी में कार्यरत थीं।

शुक्रवार को रुचि के मायके वाले होली खेलने उनके घर आए थे। नीरज सिंघानिया के पिता प्रेम प्रकाश सिंघानिया ने बताया कि होली वाले दिन शाम 5:30 बजे के करीब सभी लोग छत पर होली खेल कर नीचे लौटे तो नीरज और रुचि अपने कमरे में चले गए।

रात 9:30 बजे के करीब वापस घरवालों ने बेडरूम नॉक किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने अपने छोटे बेटे वरुण को बताया तो उसने स्टूल लगाकर बेडरूम के अंदर झांका। वरुण को बाथरूम के अंदर अपनी भाभी का पैर नजर आया।

इस पर परिवार को कुछ संदेह हुआ। बेडरूम का दरवाजा तोडक़र घरवाले अंदर घुसे तो देखा कि नीरज और रुचि बाथरूम के अंदर बेहोश पड़े थे। मैक्स हॉस्पिटल से डॉक्टर बुलाया गया, जिसने नीरज और रुचि को मृत घोषित कर दिया। दोनों की मौत के बाद परिजनों और नीरज की पांच साल की बेटी नायशा उर्फ पीहू का रो-रोकर बुरा हाल है।

पुलिस का कहना है की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत के सही कारणों की स्थिति मालूम हो सकेगी।

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उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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