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बिजनेस

पोट्रोनिक्स ने सबसे तेज कार चार्जर लांच किया

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नई दिल्ली, 23 मार्च (आईएएनएस)| पोर्टेबल डिजिटल उत्पाद बाजार की अग्रणी कंपनी पोटरेनिक्स ने शुक्रवार को स्मार्टफोन और अन्य डिजिटल उपकरणों को चार्ज करने के लिए एक तेज और स्मार्ट कार चार्जर ‘कार पावर एक्स’ लांच किया।

यह चार्जर अधिक महंगा भी नहीं है। इस चार्जर की कीमत केवल 1, 099 रुपये है।

‘कार पावर एक्स’ तीन गुणों से संपन्न है। इसमें क्वालकॉम क्यूसी 3.0 पोर्ट, एक टाइप-सी यूएसबी फास्ट चार्जिग पोर्ट और एक माइक्रो यूएसबी चार्जिग पोर्ट है लगा है।

इसके अलावा, इसका आउटपुट 48 वॉट तक का है। ये सभी विशेषताएं इसे वर्तमान में बाजार में उपलब्ध सबसे कॉम्पैक्ट 3-पोर्ट कार चाजरों में से एक बनाती हैं।

‘कार पावर एक्स’ 3-इंटेलिजेंट यूएसबी पोर्टस से लैस है। इसमें इंटेलिजेंट रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी है, जो कार पावर एक्स को डिवाइस की पहचान करने सक्षम बनाता है और डिवाइस पर सबसे तेज संभावित चार्जिग गति देने के लिए वर्तमान आउटपुट को समायोजित करता है।

इसमें लगे तीन पोर्ट में से सबसे आधुनिक क्वालकॉम क्यूसी 3.0 पोर्ट है। रैपिड चार्ज तकनीक में यह क्वालकॉम का सबसे नई देन है। यह कोई भी क्यूसी 3.0 डिवाइस को आम चार्जरों की तुलना में 400 प्रतिशत अधिक तेजी से चार्ज करता है।

इसका उपयोग मोबाइल फोनों, मैकबुक, डिजिटल कैमरे जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरों को चार्ज करने के लिए भी किया जा सकता है।

‘कार पावर एक्स’ काफी स्मार्ट है और यह आपके डिवाइस की पूरी सुरक्षा करता है। इसमें एक स्मार्ट चिप लगा है, जो आपके स्मार्ट डिवाइसेज को ओवर करेंट या फिर अधिक चार्जिग से बचाता है। जब गाड़ी का इग्नीशन ऑन होता है, तब भी यह आपके डिवाइस की रक्षा करता है।

पोटरेनिक्स का यह ‘कार पावर एक्स’ चार्जर सभी प्रमुख ऑनलाइन और ऑफलाइन स्टोर पर उपलब्ध है। इसमें 12 माह की वारंटी भी है।

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बिजनेस

जेट एयरवेज की संपत्तियों की होगी बिक्री

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश को रद्द करते हुए दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के अनुसार निष्क्रिय जेट एयरवेज के परिसमापन का आदेश दिया। एनसीएलएटी ने पहले कॉरपोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के हिस्से के रूप में जालान कालरॉक कंसोर्टियम (जेकेसी) को एयरलाइन के स्वामित्व के हस्तांतरण को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि जेकेसी संकल्प का पालन करने में विफल रहा क्योंकि वह 150 करोड़ रुपये देने में विफल रहा, जो श्रमिकों के बकाया और अन्य आवश्यक लागतों के बीच हवाई अड्डे के बकाया को चुकाने के लिए 350 करोड़ रुपये की पहली राशि थी। नवीनतम निर्णय एयरलाइन के खुद को पुनर्जीवित करने के संघर्ष के अंत का प्रतीक है।

NCLT को लगाई फटकार

पीठ की ओर से फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति पारदीवाला ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ एसबीआई तथा अन्य ऋणदाताओं की याचिका को स्वीकार कर लिया। याचिका में जेकेसी के पक्ष में जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखने के फैसले का विरोध किया गया है। न्यायालय ने कहा कि विमानन कंपनी का परिसमापन लेनदारों, श्रमिकों और अन्य हितधारकों के हित में है। परिसमापन की प्रक्रिया में कंपनी की संपत्तियों को बेचकर प्राप्त धन से ऋणों का भुगतान किया जाता है। पीठ ने एनसीएलएटी को, उसके फैसले के लिए फटकार भी लगाई।

शीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल किया, जो उसे अपने समक्ष लंबित किसी भी मामले या मामले में पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने के लिए आदेश तथा डिक्री जारी करने का अधिकार देता है। एनसीएलएटी ने बंद हो चुकी विमानन कंपनी की समाधान योजना को 12 मार्च को बरकरार रखा था और इसके स्वामित्व को जेकेसी को हस्तांतरित करने की मंजूरी दी थी। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और जेसी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ अदालत का रुख किया था।

 

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