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बिजनेस

दूसरे दौर की कोयला नीलामी शुरू

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नई दिल्ली। दूसरे दौर की कोयला नीलामी बुधवार को यहां शुरू हो गई है। प्रमुख वायर रोप निर्माता कंपनी, उषा मार्टिन ने झारखंड में स्थित बृंदा और सासी कोयला ब्लॉकों के लिए 1,804 रुपये प्रति टन की अंतिम बोली जमा की है। इन कोयला ब्लॉकों के आवंटन सर्वोच्च न्यायालय ने रद्द कर दिए थे।

बृंदा और सासी ब्लॉक पूर्व में अभिजित इंफ्रास्ट्रक्चर को आवंटित किए गए थे और यहां 1.52 करोड़ टन कोयले का भंडार है। झारखंड में दो अन्य खदानें -जितपुर और मोइत्रा- की भी नीलामी होनी है और अडानी पॉवर, जेएसडब्ल्यू स्टील, सेल और बाल्को इन्हें हासिल करने की दौड़ में शामिल हैं। इन कोयला ब्लॉकों के लिए नीलामी प्रक्रिया दिन के अंत तक पूरी होगी। जितपुर खदान के लिए कोशिश में लगीं कंपनियों में अडानी पॉवर, आधुनिक पॉवर और नेचुरल र्सिोसेस, जयप्रकाश पॉवर वेंचर तथा जिंदल पॉवर शामिल हैं। यह खदान विद्युत क्षेत्र के लिए आरक्षित है। यह खदान इसके पहले जिंदल स्टील एंड पॉवर को आवंटित हुई थी।

मोइत्रा खदान गैर विद्युत क्षेत्र के लिए आरक्षित है और इसके लिए जयसवाल नेको इंडस्ट्रीज, जेएसडब्ल्यू स्टील और सेल दौड़ में शामिल हैं। इसके पहले यह खदान जयसवाल नेको को आवंटित की गई थी।

प्रादेशिक

एस्सार ग्रुप के सह-संस्‍थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन

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मुंबई। एस्सार ग्रुप के सह-संस्‍थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन हो गया है। रुइया के पार्थिव शरीर को प्रार्थना और श्रद्धांजलि के लिए वालकेश्वर के बाणगंगा में रखा जाएगा। अंतिम संस्कार यात्रा रुइया हाउस से शाम 4 बजे हिंदू वर्ली श्मशान के लिए निकलेगी।

शशि रुइया ने अपने भाई रवि रुइया के साथ मिलकर एस्सार की स्थापना की थी। वह करीब एक महीने पहले अमेरिका से इलाज करा लौटे थे। मंगलवार को दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक उनका पार्थिव शरीर रुइया हाउस में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। शाम चार बजे रुइया हाउस से शवयात्रा हिंदू वर्ली श्मशान घाट के लिए रवाना होगी।

उद्योगपति शशि रुइया ने अपने पिता नंद किशोर रुइया के मार्गदर्शन में 1965 में अपने व्यावसायिक दुनिया में कदम रखा। उन्होंने अपने भाई रवि के साथ मिलकर 1969 में चेन्नई बंदरगाह पर एक बाहरी ब्रेकवाटर का निर्माण कर एस्सार की नींव रखी। इसके बाद एस्सार ग्रुप ने इस्पात, तेल रिफाइनरी, अन्वेषण और उत्पादन, दूरसंचार, बिजली और निर्माण सहित विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार किया।

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