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बिजनेस

‘भारत 2025 तक होगा 5000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था’

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नई दिल्ली, 26 मार्च (आईएएनएस)| भारत साल 2025 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा। आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने सोमवार को यह बात कही। उन्होंने कहा, हमें सात-आठ फीसदी की असली विकास दर तथा नौ-10 फीसदी की सांकेतिक विकास दर की उम्मीद है।

गर्ग ने ‘2025 तक 5,000 अरब डॉलर की जीडीपी प्राप्त करने में संस्थानों की भूमिका’ विषय पर एक पैनल चर्चा में कहा, मुझे लगता है कि यह अपेक्षा बहुत ही उचित है कि हम 5,000 अरब डॉलर के स्तर को प्राप्त कर सकते हैं। यह एक उचित निर्धारित लक्ष्य है।

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों की गिरावट के बाद अब व्यापक आर्थिक स्थिरता आई है और निर्यात बढ़ा है।

उन्होंने कहा कि सरकार मुद्रास्फीति को चार फीसदी के लक्ष्य (दो फीसदी ऊपर-नीचे) पर रखने को प्रतिबद्ध है।

गर्ग ने कहा कि इस व्यापक आर्थिक माहौल को पूरा करने और पांच खरब डॉलर के लक्ष्य को हासिल करने के लिए, भारत को वैश्विक व्यापार में अपने हिस्से में सुधार करने की जरूरत है।

गर्ग ने कहा, जैसे-जैसे वैश्विक व्यापार बढ़ रहा है, इसमें हमें अपनी अच्छी हिस्सेदारी प्राप्त करनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि वस्त्र जैसे पारंपरिक क्षेत्रों में मजबूत विकास के अलावा, भारत को तेजी से प्रतिस्पर्धी होती वैश्विक अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र पर ध्यान देने की जरूरत है।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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