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नेशनल

महिला खिलाड़ी को पीएम मोदी से शिकायत करने की मिली सजा, चैंपियनशिप से कर दिया गया बाहर

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पंचकूला। कुछ दिनों पहले पीएम मोदी रेडियो पर 15वीं बार मन की बात करने आए। इस दौरान उन्होंने विकलांगों को लेकर बड़ी सुन्दर-सुन्दर बातें कहीं। उन्होंने कहा , ‘शब्दों का अपना महत्व होता है… परमात्मा ने जिसको शरीर में कुछ कमी दी है, हम उसे विकलांग कहते हैं। कभी-कभी हम जब उनसे मिलते हैं तो पता चलता है कि हमें आंखों से उनकी यह कमी दिखती है, लेकिन ईश्वर ने उन्हें कुछ एक्स्ट्रा पावर दी होती है। एक अलग शक्ति का उसके अंदर परमात्मा ने निरूपण किया होता है। मेरे मन में विचार आया कि क्यों न हम देश में विकलांग की जगह पर दिव्यांग शब्द का प्रयोग करें। ये वे लोग हैं, जिनके पास एक ऐसा अंग है या एक से अधिक अंग हैं, जिसमें दिव्यता है। मुझे यह शब्द अच्छा लग रहा है।’

लेकिन देश के एक कोने में कुछ ऐसा हो रहा है जो इस भाषण की तमाम बातों को झुठला रहा है। खबर अंतरराष्ट्रीय पैरा एथलीट सुवर्णा राज को लेकर है। जो हरियाणा के पंचकुला में चल रही 18वीं नेशनल पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भाग लेने पहुंची।

वहां पहुंच कर उन्होंने देखा कि वहां के इंतज़ाम बेहद खराब हैं बल्कि खिलाड़ियों के लिए व्हीलचेयर भी उपलब्ध नहीं है। इन इन्तेज़ामों से नाराज़ सुवर्णा ने पीएम मोदी को टैग कर ट्वीट किया कि (ट्वीट अंग्रेजी में था) ’हम दो महिला खिलाड़ी पंचकूला के ताउ देवीलाल स्टेडियम के बाहर सड़क पर खड़े हैं।

हमारी मदद के लिए यहां कोई नहीं है। जो टॉयलेट्स हमें दिए गए हैं, उन्हें इस्तेमाल करने में हम समर्थ नहीं हैं। हमारा अपमान किया जा रहा है।’ सुवर्णा का पीएम मोदी से शिकायत करना और ख़राब व्यवस्था पर सवाल उठाना उनके लिए मुसीबत बन गया।

सुवर्णा से खेलों के आयोजक इस कदर नाराज़ हो गये कि उन्होंने सुवर्णा का खेलना ही कैंसिल कर दिया और उनको घर वापस भेज दिया। सुवर्णा ने बताया कि “26 मार्च को मेरा जैवलिन थ्रो का मुकाबला था, लेकिन शाम तक मुझे खेलने का मौका ही नहीं दिया गया।

जब मैंने इस बारे में अधिकारियों से जानकारी लेनी चाही तो मुझे पता चला कि मेरा मुकाबला नहीं होगा।’ सुवर्णा का आरोप है कि उन्होंने आयोजकों और ख़राब व्यवस्था के खिलाफ़ आवाज़ उठाई। इसी वजह से पीसीआई के अधिकारीयों ने उन्हें जानबूझ कर खेलने का मौका नहीं दिया।

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नेशनल

हिंदू राष्ट्र बनाना है तो हर भेद को मिटाकर हर सनातनी को गले से लगाना होगा -“पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री”

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राजस्थान। राजस्थान के भीलवाड़ा में बुधवार (6 नवंबर) से पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की पांच दिवसीय हनुमंत कथा शुरू हुई. यहां बागेश्वर सरकार अपने मुखारविंद से भक्तों को धर्म और आध्यात्मिकता का संदेश देंगे. छोटी हरणी हनुमान टेकरी स्थित काठिया बाबा आश्रम के महंत बनवारीशरण काठियाबाबा के सानिध्य में तेरापंथनगर के पास कुमुद विहार विस्तार में आरसीएम ग्राउंड में यह कथा हो रही है.

इस दौरान बागेश्वर धाम सरकार ने भी मेवाड़ की पावन माटी को प्रणाम करते हुए सबका अभिवादन स्वीकार किया. हनुमंत कथा कहते हुए बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री महाराज ने हिंदू एकता और सनातन जागृति का संदेश दिया.

उन्होंने कहा, “हनुमानजी महाराज की तरह भेदभाव रहित होकर सबको श्रीरामजी से जोड़ने के कार्य से प्रेरणा लेते हुए सनातन संस्कृति से छुआछूत जातपात के भेदभाव को मिटाना है. अगर हिंदू राष्ट्र बनाना है तो हर भेद को मिटाकर हर सनातनी को गले से लगाना होगा. व्यास पीठ पर आरती करने का हक सभी को है. इसी के तहत भीलवाड़ा शहर के स्वच्छताकर्मी गुरुवार को व्यास पीठ की आरती करेंगे.”

हिंदू सोया हुआ है

बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि वर्तमान समय में हिंदू की बुरी दशा है। कुंभकर्ण के बाद कोई सोया है तो वह हिंदू सोया है। अब हिंदुओं को जागना होगा और घर से बाहर निकलना होगा। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि हमारे तन में जब तक प्राण रहेंगे तब तक हम हिंदुओं के लिए बोलेंगे, हिंदुओं के लिए लड़ेंगे। अब हमने विचार कर लिया है कि मंच से हिंदू राष्ट्र नहीं बनेगा। उन्होंने कहा कि हमें ना तो नेता बनना है ना किसी पार्टी को वोट दिलाना है। हम बजरंगबली की पार्टी में है, जिसका नारा भी है- जो राम का नहीं वह किसी काम का नहीं।

 

 

 

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