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बिजनेस

डॉक्टरों के लिए विशेष क्रेडिट कार्ड लांच

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नई दिल्ली, 27 मार्च (आईएएनएस)| प्रमुख क्रेडिट कार्ड कंपनी एसबीआई कार्ड ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के साथ साझेदारी में ‘डॉक्टर्स एसबीआई कार्ड’ लांच किया है। यह डॉक्टरों के लिए एक विशिष्ट क्रेडिट कार्ड है, जिसे डॉक्टरों की विशिष्ट जरूरतों एवं जीवनशैली को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है। कंपनी ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि ‘डॉक्टर्स एसबीआई कार्ड’ एक अग्रणी उत्पाद है, जो उपभोक्ता वर्ग को बेमिसाल मूल्य प्रस्ताव देता है।

‘डॉक्टर्स एसबीआई कार्ड’ आइएमए के साथ साझेदारी में लाया गया एकमात्र क्रेडिट कार्ड है, जिसे डॉक्टरों की विशिष्ट जरूरतों एवं जीवनशैली पर किए गए शोध एवं जानकारी के आधार पर तैयार किया गया है।

बयान में कहा गया है कि डॉक्टर्स एसबीआई कार्ड के रूप में उद्योग में पहली बार कई खूबियों की पेशकश की गई है। इसमें 10 लाख रुपये का प्रोफेशनल क्षतिपूर्ति बीमा कवर शामिल है, जो पेशेवर जोखिमों एवं दायित्वों से सुरक्षा प्रदान करता है। अपने पेशे में, डॉक्टरों को मरीजों अथवा उनके रिश्तेदारों से दावों के जोखिम में हो रही बढ़ोतरी के मद्देनजर कई अप्रत्याशित घटनाओं का सामना करना पड़ता है। उनके पेशेवर हित को सुरक्षित रखने के लिए, यह कार्ड कानूनी एवं रक्षात्मक लागत के साथ ही अदालत के बाहर निपटान करने के लिए कवर प्रदान करता है।

एसबीआई कार्ड के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी हरदयाल प्रसाद ने कहा, भारत में मेडिकल कॉलेजों की संख्या सबसे अधिक है और यहां किसी अन्य देश की तुलना में हर साल सबसे अधिक संख्या में डॉक्टर बनकर निकलते हैं। हमें ‘डॉक्टर्स एसबीआई कार्ड’ की पेशकश कर खुशी हो रही है। यह एक विशिष्ट क्रेडिट कार्ड है, जो अनूठा मूल्य प्रस्ताव देता है।

आइएमए के अध्यक्ष डॉ. रवि वानखेडकर ने कहा, हमारे सदस्य समुदाय को अद्भुत सेवाएं दे रहे हैं। हम प्लास्टिक मनी के आज के युग में उन्हें कुछ खास देना चाहते थे। इसलिए, हमने एक एक्सक्लूसिव क्रेडिट कार्ड लांच करने के लिए एसबीआई कार्ड के साथ गठबंधन किया है।

आइएमए के महासचिव डॉ. आर. एन. टंडन ने कहा, हमारे सदस्यों के लिए आइएमए ब्रांडिंग से युक्त एक एक्सक्लूसिव क्रेडिट कार्ड होना गौरव की बात है।

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नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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