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बिजनेस

सरकारी खातों के संचालन के लिए 31 मार्च को खुले रहेंगे बैंक

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मुंबई, 28 मार्च (आईएएनएस)| भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने केंद्र व राज्य सरकारों के खातों के संचालन के लिए 31 मार्च को वित्त वर्ष के समापन पर विशेष प्रबंध किया है। आरबीआई ने मंगलवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि सरकार की प्राप्तियों व भुगतानों को सुगम बनाने के मकसद से 31 मार्च को विशेष समाशोधन कार्य का संपादन करने के लिए खास व्यवस्था की गई है।

आरबीआई ने कहा, करदाताओं को बड़ी सहूलियत प्रदान करने के मकसद से यह निर्णय लिया गया है कि आरबीआई के कार्यालय और सरकार के बैंक खातों का संचालन करने वाले बैंकों की निर्धारित सभी शाखाओं के काउंटर 31 मार्च को रात आठ बजे तक खुले रहेंगे।

केंद्रीय बैंक ने कहा कि मध्यरात्रि तक इलेक्ट्रॉनिक लेन-देन किया जा सकता है।

आरबीआई के मुताबिक, सरकारी प्राप्तियों व भुगतानों को सुगम बनाने के मकसद से देशभर में विशेष समाधान कार्य के लिए जरूरी प्रबंध किए गए हैं। आरटीजीएस और एनईईएफटी जैसे केंद्रीकृत भुगतान व्यवस्थाएं उपर्युक्त कार्यावधि से अधिक समय तक रहेंगी।

केंद्रीय बैंक ने कहा, जहां तक दो अप्रैल 2018 की बात है तो इस दिन अवकाश घोषित किया गया है, जब बैंक अपने वार्षिक खातों को बंद कर सकेंगे, मगर आरबीआई का कामकाज इस दिन जारी रहेगा। केंद्रीय भुगतान व्यवस्थाएं जैसे आरटीजीएस और एनईईएफटी का इस दिन संचालन नहीं होंगे।

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नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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