बिजनेस
असेट मॉनिटरिंग को एंजिल राउंड में मिला 2,50,000 डॉलर का निवेश
नई दिल्ली, 28 मार्च (आईएएनएस)| भारत के प्रीमियर टेक्नोलॉजी से संचालित असेट मॉनिटरिंग और व्हीकल ट्रैकिंग प्लेटफार्म रोडकास्ट ने हाल ही में फंडिंग का एंजिल राउंड खत्म किया। इस दौरान यूएई से बड़ी संख्या में एचएनआई ने भागीदारी की। इस दौरान 2,50,000 डॉलर के निवेश के वादे हुए। रोडकास्ट का लक्ष्य इस फंड का इस्तेमाल अपने परिचालन को भारत के सभी प्रमुख शहरों में फैलाना है, जिसमें पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
कंपनी ने एक बयान में कहा कि रोडकास्ट ने हाल ही में उसने दिल्ली पुलिस से हाथ मिलाया है, जिसमें पुलिस महकमे के मूवमेंट को मैनेज करने के साथ ही पुलिस फोर्स के सभी वाहनों को अत्याधुनिक कम्युनिकेशन और ट्रैकिंग डिवाइस से लैस किया जाएगा।
कंपनी ने कहा कि जो भी फंडिंग आई है, उसका इस्तेमाल संगठन के अनुसंधान और विकास कार्यो के साथ ही प्रोडक्ट स्ट्रक्च रिंग, पीआर गतिविधियों और एडवटाइजिंग ऑपरेशंस में भी होगा। इसके साथ ही सदस्यों व इंफ्रास्ट्रक्च र को बेहतर बनाने में भी मदद मिलेगी।
रोडकास्ट के सह-संस्थापक राहुल मेहरा ने कहा, एक टेक्नोलॉजी कंपनी होने के नाते, हमने एक उत्पाद को विकसित करने के बजाय एक ही टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए विभिन्न सॉल्यूशंस विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश की है। इससे हमारी प्रोडक्ट ऑफरिंग ज्यादा मानकीकृत हुई है और साथ ही ग्राहक की व्यक्तिगत जरूरतों से समझौता भी नहीं करना पड़ा। इससे हमारी सेवाओं को कस्टमाइज करने में मदद मिली है।
रोडकास्ट के सह-संस्थापक विशाल जैन ने कहा, हमारा लक्ष्य प्रमुख तौर पर फंड्स का इस्तेमाल हमारे रिसर्च प्रयासों को मजबूती देने के लिए करना है, क्योंकि ऑन.फील्ड असेट मैनेजमेंट प्लेटफार्म पर टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट के लिए बड़ी पूंजी की आवश्यकता होती है। इसके अलावाए कई शहरों में ऑपरेशन शुरू करने क लिए शुरूआती सेटअप निवेश की जरूरत होगी।
नेशनल
ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला
हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला
क्या है पूरा मामला ?
सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।
कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।
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