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बिजनेस

एफसीआई, राज्य एजेंसियों ने दो हफ्ते में खरीदा 2.11 लाख टन गेहूं

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नई दिल्ली, 28 मार्च (आईएएनएस)| भारतीय खाद्य निगम और राज्य सरकार की एजेंसियों ने चालू गेहूं खरीद सीजन में मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात में बीते दो हफ्ते में महज 2.11 लाख टन गेहूं सेंट्रल पूल के लिए खरीद की है। इस साल केंद्र सरकार ने पिछले साल के 308 लाख टन के मुकाबले 320 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य रखा है। तीनों प्रदेशों में कुछ जगहों पर 15 अप्रैल को ही विविधवत गेहूं की खरीद शुरू हो गई थी, बाद में 20 और 26 अप्रैल को कुछ अन्य जगहों पर खरीद शुरू की गई।

एफसीआई की वेबसाइट पर 28 मार्च को प्रकाशित आंकड़ों के मुताबिक, मध्यप्रदेश में राज्य की एजेंसियों ने 2.05 लाख टन गेहूं की खरीद की है जबकि राजस्थान में एफसीआई ने महज 2,000 टन गेहूं खरीदा है। वहीं, गुजरात में सरकारी अब तक सरकारी खरीद सिर्फ 4,000 टन हुई है।

चालू खरीद सीजन 2018-19 में केंद्र ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 1,735 रुपये प्रति क्विं टल तय किया।

मध्यप्रदेश में पिछले साल पूरे सीजन में 67.25 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी, जबकि इस साल केंद्र ने मध्यप्रदेश से इस साल 67 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य रखा है।

राजस्थान में महज 12.45 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी जबकि इस साल सरकार ने 16 लाख टन की खरीद का लक्ष्य रखा है।

मध्य प्रदेश में गेहूं का उत्पादन इस साल 156 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 219 लाख टन हुआ था। वहीं, राजस्थान में गेहूं का उत्पादन इस साल 108.2 लाख टन रहने का अनुमान है।

इस साल केंद्र सरकार ने पिछले साल के 308 लाख टन के मुकाबले 320 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य रखा है जिसमें सबसे ज्यादा पंजाब में 119 लाख टन और हरियाणा में 74 लाख टन खरीद का एलान पिछले महीने केंद्र की ओर से किया गया था। मगर, दोनों प्रदेशों में इस साल गेहूं की पैदावार अच्छी होने के कारण पंजाब सरकार ने हाल ही में 130 लाख टन और हरियाणा सरकार ने 80 लाख टन गेहूं की खरीद की घोषणा की है। पिछले साल पंजाब में 117 और हरियाणा में 74.32 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हुई थी।

देश में गेहूं के सबसे बड़े उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में इस साल सरकार ने 40 लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा है जबकि पिछले साल सरकारी एजेंसियों ने कुल 36.99 लाख टन की खरीद की थी। बिहार में इस साल दो लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य है जबकि पिछले साल वहां केंद्रीय पूल के लिए कोई खरीद नहीं हुई थी। उत्तराखंड में इस साल एक लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य है जबकि यहां पिछले साल महज दो हजार टन खरीद हुई थी। गुजराज में इस साल पचास हजार टन गेहूं खरीद का लक्ष्य है। इसके अलावा, 50,000 टन गेहूं अन्य राज्यों से खरीदी जाएगी।

वैसे, रबी विपणन वर्ष का आरंभ एक अप्रैल से माना जाता है लेकिन मध्यप्रदेश, गुजरात और राजस्थान में रबी फसल पहले आ जाने से हर साल मार्च में ही तीनों प्रदशों में गेहूं की खरीद कुछ-कुछ जगहों पर शुरू हो जाती है।

पिछले महीने जारी दूसरे अग्रिम उत्पादन अनुमान के मुताबिक फसल वर्ष 2017-18 (जुलाई-जून) के रबी सीजन यानी चालू कटाई सीजन में देश में गेहूं का उत्पादन 971 लाख टन होने का आकलन किया गया है। लेकिन इस महीने कृषि मंत्रालय और करनाल स्थित भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान की ओर से कहा गया कि इस साल फसल अच्छी होने के कारण देश में गेहूं का रिकॉर्ड 100 करोड़ टन उत्पादन हो सकता है।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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