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बिजनेस

‘बैंक सखी’ से महिलाएं हो रहीं सशक्त

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राजनांदगांव, 30 मार्च (आईएएनएस)| देश में जिस तरह बैंकिंग के सर्वोच्च प्रबंधकीय पदों तक पहुंचकर चंदा कोचर, शिखा शर्मा, अरुंधति भट्टाचार्य जैसी महिलाएं बैंकिंग को नई दिशा दे रही हैं, उसका लघु रूप राजनांदगांव के उन ग्रामीण क्षेत्रों में दिखता है जहां बैंक सखियां कार्य कर रही हैं।

लैपटॉप लेकर बैठीं इन महिलाओं का आत्मविश्वास अलग ही नजर आता है और वे सीधे सरल शब्दों में बैंकिंग के बारे में ग्रामीणों को समझाती हैं तो ग्रामीण बैंक में विनिमय के संबंध में आश्वस्त हो जाते हैं। बैंक सखियां जिले के 89 ग्राम पंचायतों में काम कर रही हैं।

मानपुर क्षेत्र में इन बैंक सखियों के पास माइक्रो एटीएम हैं, जिनके माध्यम से वे तुरंत पैसा आहरित कर ग्रामीणों को उपलब्ध करा देती हैं। जिन गांवों में महिलाएं ग्राहक सेवा केंद्र के माध्यम से ऑपरेट कर रही हैं, वहां वाइस मैसेज के माध्यम से उपभोक्ताओं को आहरण की जानकारी मिल जाती है, साथ ही रसीद भी मिल जाती है। अब तक इन बैंक सखियों ने 9 करोड़ रुपए का विनिमय कर लिया है।

कमाल की बात यह है कि जनधन खाते खुलवाने में भी इनकी बड़ी भूमिका रही। इन्होंने राजनांदगांव जिले में 2,666 खाते खुलवाए हैं।

ग्राम धामनसरा विकासखंड राजनांदगांव की मनीषा यादव बताती हैं कि चूंकि बैंक सखी गांव की महिला ही होती है अथवा पड़ोस के गांव की महिला होती है इसलिए लोग इन पर भरोसा करते हैं।

मनीषा बताती हैं कि वे बिहान की राधाकृष्ण स्वसहायता समूह से जुड़ी हैं। उन्हें बिहान के अंतर्गत प्रशिक्षण दिलाया गया और फिर लैपटॉप उपलब्ध कराया गया। मनीषा को पहले बैंक जाने में घबराहट होती थी और वे व्रिडॉल फार्म भराने दूसरों पर निर्भर रहती थीं। अब यह सब उनके लिए बेहद सहज हो गया है।

मनीषा ने बताया, मैं गांव की बैंकर हूं। मैंने एमए तक पढ़ाई की लेकिन इतनी खुशी नहीं मिली जितनी तब मिल रही है जब लोग मेरी पूछपरख करते हैं। मैं सबकी मदद करती हूं। बैंक सखी के रूप में काम करना मुझे बेहद अच्छा लग रहा है। यह ऐसा नेक कार्य है जिसके पैसे भी आपको मिलते हैं।

बैंक सखी मॉडल बिहान के लिए इसलिए भी कारगर रहा है, क्योंकि स्वसहायता समूहों को बैंकों से निरंतर काम आता रहता है। ऐसे में विश्रीय साक्षरता का होना बेहद महžवपूर्ण होता है। बैंक सखी के माध्यम से बैंकिंग बिहान की अन्य सदस्य महिलाओं के लिए आसान हो जाती है। साथ ही बिहान से जुड़ी होने के कारण बैंक सखी पूरे समूह में विश्रीय साक्षरता फैलाती है।

जिन ग्रामीण क्षेत्रों में बैंक सखी काम कर रही हैं, वहां वे बैंकिंग के माध्यम से महिला सशक्तीकरण के मॉडल के रूप में उभर रही हैं।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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