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मनोरंजन

‘पैडमैन’ में लागत की बात, कर कटौती की नहीं : आर. बाल्की

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नई दिल्ली, 30 मार्च (आईएएनएस)| ‘पा’, ‘चीनी कम’ और ‘इंग्लिश विंग्लिश’ जैसी फिल्मों के लिए प्रसिद्ध निर्माता-निर्देशक आर.बाल्की की आखिरी फिल्म ‘पैडमैन’ को दर्शकों के साथ ही आलोचकों से भी सराहना मिली, लेकिन यह सैनिटरी पैड पर लगने वाले वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पर कोई असर नहीं छोड़ पाई।

बाल्की का कहना है, हमारी फिल्म एक व्यक्ति विशेष के जीवन से प्रेरित है जो कम लागत में महिलाओं के लिए सैनिटरी पैड बनाता है। फिल्म में सैनिटरी पैड की लागत पर बात की गई थी, इसलिए इसे जीएसटी से जोड़कर नहीं देखा जा सकता।

‘पैडमैन’ ने शर्मिदगी से जुड़ी चीज समझी जाने वाली माहवारी पर न केवल लोगों को खुलकर बात करने को प्रेरित किया, बल्कि महिलाओं को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने में अपनी भूमिका निभाई। फिल्म का उद्देश्य महिलाओं की माहवारी और उससे जुड़ी स्वच्छता के प्रति जागरूकता पैदा करना था।

नई दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान आर. बाल्की से पूछा गया कि फिल्म की रिलीज से पहले से ही यह कहा जा रहा था कि शायद महिलाओं से जुड़े इस संवेदनशील मुद्दे पर फिल्म बनने के बाद सैनिटरी पैड से जीएसटी हट जाएगा लेकिन इस संबंध में कोई पहल नहीं हुई, उन्होंने कहा, यह फिल्म एक शख्स के जीवन से प्रेरित थी जो समाज की कुरीतियों से परे महिलाओं के लिए कम लागत में सैनिटरी पैड बनाता है, यहां कम लागत की बात की गई। कर कटौती के मामले में कई चीजों का ध्यान रखना पड़ता है। यहां राष्ट्रीय से लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चीजें प्रभावित होती हैं। इसलिए पैडमैन को जीएसटी कटौती से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।

पिछले माह रिलीज हुई अक्षय कुमार की फिल्म ‘पैडमैन’ तमिलनाडु के कोयंबटूर के रहने वाले अरुणाचलम मुरुगनाथम की मुहिम से प्रेरित थी।

गरीब परिवार में जन्मे मुरुगनाथम ने माहवारी पर खुलकर बात करने और स्वच्छता जागरूकता फैलाने की कोशिश की थी, लेकिन पत्नी और मां सहित घर किसी सदस्य ने उनकी बात नहीं सुनी। यहां तक कि उनकी पत्नी उन्हें छोड़कर चली गईं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपने लक्ष्य को पूरा करने में जुटे रहे। इसके बाद उन्होंने कम लागत में सैनिटरी पैड बनाने में सफलता हासिल की थी। इसके लिए उन्हें राष्ट्रीय ही नहीं, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी मान्यता मिली।

बाल्की ने इस दौरान दिल्ली स्थित राष्ट्रीय नवप्रवर्तन संस्थान के बारे में भी बात की। सरकार संचालित यह संस्थान देश के प्रतिभाशाली अन्वेषकों को बढ़ावा देता है और उन अन्वेषकों की मदद करता है जो समाज में जमीनी स्तर पर बदलाव लाना चाहते हैं। एक अन्वेषक के तौर पर राष्ट्रीय नवप्रवर्तन संस्थान मुरुगनाथम को भी सम्मानित कर चुका है।

बाल्की ने कहा, राष्ट्रीय नवप्रवर्तन संस्थान वास्तव में बहुत सारे शानदार अन्वेषकों को प्रोत्साहित करता है। मुंबई में एक बैठक के दौरान इस संस्थान से जुड़े कई लोगों से हमारी मुलाकात हुई। इस दौरान वहां मौजूद अलग-अलग लोगों ने अपनी कहानियां बताईं और वे सारी कहानियां बहुत शानदार थीं।

उन्होंने आगे कहा, मुझे लगता है कि मैंने जो भी कहानी सुनीं, वे सभी कमाल की और रोमांचक थीं जिसे पर्दे पर बेहद शानदार तरीके से पेश किया जा सकता है।

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उत्तर प्रदेश

योगी को यूपी का साथ, 9 में जीतीं सीटें सात

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लखनऊ |  योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने उपचुनाव में बड़ी जीत हासिल की। उत्तर प्रदेश की जनता ने एक बार फिर बता दिया कि उन्हें योगी आदित्यनाथ का ही साथ पसंद है। प्रदेश में 9 सीटों पर हुए उपचुनाव में सात पर एनडीए ने जीत दर्ज की। इसमें से छह पर भारतीय जनता पार्टी और एक सीट पर एनडीए गठबंधन (रालोद) ने जीत हासिल की। वहीं भारतीय जनता पार्टी ने समाजवादी पार्टी के हिस्से की कुंदरकी व कटेहरी सीट भी जीत ली। इन दोनों सीटों पर नया इतिहास लिखा गया।

पांच दिन में योगी आदित्यनाथ ने किए थे 15 चुनावी कार्यक्रम

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारतीय जनता पार्टी व रालोद प्रत्याशी के पक्ष में पांच दिन में 15 चुनावी कार्यक्रम किए। सीएम योगी ने फूलपुर, मझवा, खैर व कटेहरी में दो-दो रैली की। गाजियाबाद में भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक रैली व एक रोड शो कर कमल को फिर से खिलाने की अपील की, जिस पर जनता ने मुहर लगाया। वहीं कुंदरकी व मीरापुर में भी सीएम की रैली हुई। इसका असर यह हुआ कि कुंदरकी में भारतीय जनता पार्टी ने ऐतिहासिक जीत हासिल की।

कटेहरी में तीन दशक बाद कमल का कमाल, 34514 वोट से दर्ज की जीत

कटेहरी में लगभग तीन दशक से अधिक समय से इस सीट पर भाजपा को जीत नहीं मिल पा रही थी, लेकिन इस बार उपचुनाव में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में कटेहरी में भी कमल ने कमाल कर दिखाया। भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी धर्मराज निषाद ने तीन दशक बाद यहां कमल खिलाया। धर्मराज निषाद ने न सिर्फ सपा से यह सीट छीनी, बल्कि सपा प्रत्याशी शोभावती वर्मा को 34514 के बड़े अंतर से हराया।

कुंदरकी में भी खिला कमल, योगी को मिला जनता का साथ

2022 विधानसभा चुनाव में कुंदरकी में समाजवादी पार्टी ने जीत हासिल की थी। इस सीट पर भी विधायक के सांसद चुने जाने के कारण यहां उपचुनाव हुआ। इस सीट पर भी काफी समय से समाजवादी पार्टी का कब्जा था, लेकिन 2024 में हुए उपचुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह सीट भाजपा के खाते में गई। योगी के आह्वान पर जनता ने यहां से सपा को चारों खाने चित कर दिया। यहां के भाजपा उम्मीदवार रामवीर सिंह ठाकुर ने सपा के मो. रिजवान को काफी बड़े अंतर से पराजित किया।

मझवा, फूलपुर, गाजियाबाद, खैर व मीरापुर में भी योगी-योगी

मझवा, फूलपुर, गाजियाबाद, खैर के साथ ही मीरापुर में भी रैलियों से चल रही योगी-य़ोगी की गूंज शनिवार को जीत के बाद और तेज होती गई। मीरापुर में रालोद व अन्य सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत हासिल की। मझवा में विनोद बिंद, फूलपुर से प्रवीण पटेल, गाजियाबाद से अतुल गर्ग, खैर से अनूप प्रधान वाल्मीकि व मीरापुर से चंदन चौहान के सांसद चुने जाने के उपरांत यहां उपचुनाव कराए गए। इन सीटों को बरकरार रखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने अन्य सीटों पर जीत हासिल की।

सपा के घर करहल के साथ सीसामऊ में जीत का अंतर भी हुआ कम

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मेहनत का ही प्रतिफल है कि समाजवादी पार्टी के घर करहल में भी सपा की जीत का अंतर काफी कम हुआ। 2022 आमचुनाव में सपा प्रत्याशी अखिलेश यादव ने यहां 67504 वोटों से जीत हासिल की थी, जो 2024 उपचुनाव में घटकर महज 14725 वोट पहुंच गई। तेज प्रताप यादव को यहां से 104304 वोट मिले। भाजपा के अनुजेश यादव ने 89579 वोट प्राप्त किया। वहीं सीसामऊ में 2022 में सपा के इरफान सोलंकी ने 12266 वोटों से जीत हासिल की। उपचुनाव में सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने 69714 वोट पाकर 8564 वोट से जीत दर्ज की। यहां से भाजपा के सुरेश अवस्थी को 61150 वोट मिले।

सात सीटों पर जीत व अंतर

कुंदरकी- रामवीर सिंह ठाकुर
गाजियाबाद- संजीव शर्मा- 96946 (69351 से जीत)
फूलपुर- दीपक पटेल- 78289 (11305 से जीत)
मझवां- सुचिस्मिता मौर्या- 77737 (4922 से जीत)
कटेहरी- धर्मराज निषाद- 104091 (34514 से जीत)
खैर- सुरेंद्र दिलेर – 100181 (38393 से जीत)
मीरापुर- मिथिलेश पाल (रालोद)- 84304 (30796 से जीत

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