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बिजनेस

कार बीमा क्लेम में मारुति, हुंडई और महिंद्रा का प्रदर्शन बेहतर

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गुरुग्राम, 1 अप्रैल (आईएएनएस)| कार बीमा क्लेम के मामले में मारुति, हुंडई और महिंद्रा सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वालों में शामिल है।

स्कोडा और फॉक्सवैगन के अधिक क्लेम देखे जाते हैं और प्रति क्लेम खर्च भी अधिक देखा गया है। यह जानकारी एक सर्वेक्षण से सामने आई है।

भारत में डिजिटल कार बीमा ग्राहकों के व्यवहार पर बीमा उद्योग की पहली रिपोर्ट में ये तथ्य सामने आए हैं। यह रिपोर्ट पॉलिसीबाजारडॉटकॉम के ‘प्रोडक्ट एंड इनोवेशन सेंटर’ द्वारा तैयार की गई है।

रिपोर्ट में यह देखा गया कि जो लोग खुद पालिसी खरीदते हैं वे लोग कम क्लेम दर्ज कराते हैं। इसी प्रकार, डीजल या सीएनजी वाहन का प्रयोग करने वालों की तुलना में पेट्रोल कार चलाने वाले ग्राहकों द्वारा बीमा क्लेम की संभावना कम होती है।

कंपनी ने एक बयान में कहा कि यह रिपोर्ट करीब 3 लाख डिजिटल ग्राहकों के व्यवहार का विश्लेषण करने के बाद तैयार की गई है। भारत में कार बीमा प्रीमियम कैसे तय किये जा सकते हैं, यह रिपोर्ट इसी विषय पर एक गंभीर चर्चा शुरू करने पर केंद्रित है।

पॉलिसीबाजारडॉटकॉम के निदेशक तरुण माथुर ने कहा, भारत में, कार बीमा पॉलिसी की कीमत ड्राइवर के आधार पर नहीं, बल्कि वाहन और क्षेत्र के अनुसार तय होती है। परिणामस्वरूप, अच्छे और बुरे दोनों प्रकार के ड्राइवरों के लिए कीमतें एक समान होती हैं। पॉलिसीबाजारडॉटकॉम से कार बीमा खरीदने वाले लगभग 3 लाख ग्राहकों के व्यवहार का अध्ययन करने के बाद, हम उनके क्लेम के पैटर्न और भविष्य में उनके द्वारा क्लेम किए जाने की संभावना जान पाए हैं। इस रिपोर्ट में क्लेम और ग्राहकों के डिजिटल खरीदारी व्यवहार के बीच मजबूत संबंध का खुलासा हुआ है।

उन्होंने कहा, एक कंपनी के रूप में, हम अपनी सहयोगी कंपनियों को उनके ग्राहकों के लिए फायदेमंद प्रोडक्ट बनाकर पेश करने में मदद करते हैं। इस रिपोर्ट के परिणाम ग्राहकों की खरीदारी व्यवहार के आधार पर, उन्हें अलग-अलग श्रेणियों में विभाजित करने में हमारी सहयोगी कंपनियों के लिए मददगार होंगे। साथ ही उन्हें एक लाभदायक एवं स्थायी कारोबार बनाने में सहायता भी करेंगे।

यह रिपोर्ट विभिन्न मानदंडों पर डिजिटल कार बीमा ग्राहकों के नुकसान संबंधी व्यवहार का आकलन करती है। जैसे क्षेत्र, कार का ब्रांड, ग्राहक द्वारा जारी रखी गई एनसीबी यानी नो क्लेम बोनस की राशि, ईंधन प्रकार, कार के प्रकार और वाहन की आयु। अधिक महत्वपूर्ण यह है कि रिपोर्ट में ऐसे नुकसानों के साथ ग्राहक के डिजिटल व्यवहार का संबंध भी जोड़ा गया है। जैसे कि ग्राहक अपनी पॉलिसी एक्सपायर होने के कितने दिन पहले रिन्यु कराता है और साथ ही क्या पॉलिसी खरीदते वक्त उसे कोई सहायता की जरूरत पड़ी थी।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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