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प्रादेशिक

योग मनुष्य के सर्वागीण विकास के लिए महत्वपूर्ण : डॉ. पाल

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हरिद्वार | उत्तराखंड के राज्यपाल डॉ. कृष्णकांत पाल ने कहा कि योग केवल शारीरिक अभ्यास का नाम नहीं है, बल्कि योग शरीर को प्रकृति के साथ संतुलन बैठाने की ऐसी अद्भुत क्रिया है, जो मानसिक तनाव या दवाब से शरीर में उत्पन्न होने वाले हानिकारक रसायनों के विकारों से बचाकर मनुष्य के शारीरिक एवं मानसिक क्षमताओं के सर्वागीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। देव संस्कृति विश्वविद्यालय, शांतिकुंज (हरिद्वार) में सोमवार को ‘योग फॉर वेलनेस इन लाइफ’ विषय पर आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि योग भारतीय संस्कृति, सभ्यता और जीवनशैली का अभिन्न अंग है। यह किसी धर्म की सीमाओं में नहीं बंधा है।

उन्होंने कहा कि जीवन जीने की यह वैज्ञानिक शैली हमें प्राचीनकाल से ही देश के ऋषि-मुनियों से प्राप्त हुई है। आज पूरा विश्व योग की विशेषताओं के वैज्ञानिक महत्व को स्वीकारते हुए इसका अनुगमन कर रहा है। डॉ. पाल ने कहा कि योग केवल शरीरिक अभ्यास नहीं, बल्कि आसन, ध्यान और प्राणायाम का ऐसा संतुलित मिश्रण है जो व्यक्ति को अनुशासित करते हुए उसे सकारात्मक विचारों के लिए प्रेरित करता है। व्यक्तित्व में धैर्य और सहिष्णुता जैसे मानवीय गुणों का समावेश करने में सहायक होता है। योग के महत्व पर आधारित इस तीन दिवसीय संगोष्ठी को वर्तमान समय में प्रासंगिक बताते हुए राज्यपाल ने विश्वास व्यक्त किया कि यह संगोष्ठी पूरे समाज के कल्याण के लिए लाभदायक सिद्ध होगी। इससे पूर्व विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. प्रणव पण्ड्या ने गीता के श्लोकों के माध्यम से योग की समुचित व्याख्या की। उन्होंने कहा कि योग शरीर के साथ-साथ मानसिक विकृतियों को भी दूर करता है। योग जीवनशैली को सुधारता है। आज जितनी भी समस्याएं बढ़ी हैं, उसका मुख्य कारण बिगड़ी हुई जीवनशैली है। उसे सुधारकर शारीरिक मानसिक स्थिति में वापस परिवर्तन लाया जा सकता है।

इस अवसर पर ‘योगा फॉर वेलनेस इन लाइफ’ पर आधारित स्मारिका का लोकार्पण भी किया गया। सेमिनार के समन्वयक डॉ. कामाख्या कुमार ने बताया कि सेमिनार के आगामी तीन दिनों में भारतीय संस्कृति के सैद्धांतिक व व्यावहारिक पक्षों से रूबरू कराए जाएंगे। वहीं प्रतिभागियों को ध्यान, आसन, प्राणायाम सहित योग के विभिन्न विधाओं के प्रायोगिक प्रशिक्षण भी दिए जाएंगे तथा शोधपत्र प्रस्तुत किए जाएंगे।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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