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आदिवासी और वनवासी जंगलों के बेहतर जानकार : कोविंद

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गुना/भोपाल, 29 अप्रैल (आईएएनएस)| देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आदिवासियों और वनवासियों को जंगलों का बेहतर जानकार बताते हुए कहा है कि, यह एक सच्चाई है कि गरीबों, श्रमिकों और पिछड़ों के कल्याण के बिना कोई भी देश प्रगति नहीं कर सकता।

इसी प्रकार तेंदूपत्ता संग्रहण करने का काम भी कुशलता का काम है। इस कार्य से उनकी आजीविका चलने के साथ वनों का विनाश भी रुका है। मध्यप्रदेश के दो दिवसीय प्रवास पर आए राष्ट्रपति कोविंद रविवार को गुना जिले के सुदूर अंचल बमोरी में असंगठित मजदूर एवं तेंदूपत्ता संग्राहक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, वनों का संरक्षण और वनों से प्राप्त होने वाली उपज का सदुपयोग करके ही हम आने वाली पीढ़ी को सुरक्षित रख सकते हैं। वनों को आदिवासी एवं वनवासी से बेहतर कोई नहीं जान सकता है, जंगल ही उनका रक्षक और पालक है। वे दोनों एक-दूसरे की रक्षा करते हैं। ऐसे में तेंदूपत्ता संग्राहकों के कल्याण की जिम्मेदारी समाज और राज्य सरकार की है।

राष्ट्रपति ने आगे कहा कि, यह खुशी की बात है कि मध्यप्रदेश में लघु वनोपज संघ द्वारा मुख्यमंत्री तेंदूपत्ता संग्राहक कल्याण सहायता योजना शुरू की गई है। संघ के माध्यम से संग्राहकों के बच्चों की शिक्षा के लिए एकलव्य छात्रवृत्ति योजना में छात्रवृत्ति दी जा रही है।

राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि भारत में श्रम क्षेत्र में असंगठित क्षेत्रों का हिस्सा 80 प्रतिशत से अधिक है। इसमें मुख्य रूप से ज्यादातर श्रमिक कृषि एवं निर्माण क्षेत्रों से जुड़े हुए हैं। असंगठित श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा की भारी जरूरत है। उनके बीमार होने, अपंग हो जाने पर या वृद्धावस्था में किसी प्रकार की परेशानी खड़ी न हो, इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा संहिता बनाई जा रही है।

राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने इस मौके पर कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने गरीबों के कल्याण एवं उत्थान के लिए ऐसी कई योजनाएं संचालित की हैं, जिसका लाभ जरूरतमंदों तक पहुंच रहा है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि गुना जिले के सुदूर अंचल में पहली बार देश के राष्ट्रपति कोविंद ने आकर इतिहास रचा है। साथ ही देश की प्रथम महिला सविता कोविंद भी उनके साथ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे मजदूर, जिसकी आयु साठ वर्ष से कम है, की मृत्यु होने पर 2 लाख रुपये और दुर्घटना से मृत्यु होने पर 4 लाख की राशि परिवार को देने की व्यवस्था की है।

सम्मेलन में उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया, मध्यप्रदेश लघु वनोपज संघ के अध्यक्ष महेश कोरी, म़ प्ऱ असंगठित कर्मकार मंडल के अध्यक्ष सुलतान सिंह शेखावत और विधायक महेंद्र सिंह सिसौदिया भी मौजूद थे।

राष्टपति गुना से भोपाल लौटने के बाद रविवार की शाम को दिल्ली के लिए प्रस्थान कर गए। उन्हें राज्यपाल पटेल, मुख्यमंत्री चौहान सहित अन्य लोगों ने विदाई दी।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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