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लक्ष्य से ज्यादा हो सकती है गेहूं की सरकारी खरीद!
नई दिल्ली, 2 मई (आईएएनएस)| इस साल गेहूं की सरकारी खरीद में जोरदार तेजी देखी जा रही है। चालू रबी विपणन वर्ष 2018.19 के पहले ही महीने में सरकारी एजेंसियों ने 270 लाख टन गेहूं की खरीद कर ली है और केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य 320 लाख टन हासिल करने के लिए अब सिर्फ 50 लाख टन गेहूं की खरीद करनी होगी।
खरीद एजेंसियों के सूत्रों की मानें तो आवक लगातार बनी रही तो सरकारी खरीद का आंकड़ा निर्धारित लक्ष्य से ज्यादा हो सकता है।
हरियाणा में सरकारी एजेंसियों ने इस साल के लक्ष्य से ज्यादा गेहूं की खरीद कर ली है, जबकि पंजाब में लक्ष्य के करीब है। उधर, देश के सबसे बड़े गेहूं उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में पिछले साल के मुकाबले दोगुनी से ज्यादा तेजी के साथ गेहूं की सरकारी खरीद चल रही है। खरीदारी राजस्थान समेत अन्य प्रदेशा में भी पिछले साल से तेज है। मगर, देश के दूसरे सबसे बड़े गेहूं उत्पादक राज्य मध्यप्रदेश में पिछले साल की तुलना में गेहूं की सरकारी खरीद सुस्त है।
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर अनाज मंडी के जींस कारोबारी अशोक अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश में जितनी तेजी से गेहूं की खरीद हो रही है उससे लगता है कि पिछले साल से काफी ज्यादा परिमाण में सरकारी एजेंसियां इस साल गेहूं खरीदेगी। उन्होंने कहा कि औचारिक रूप से पूरे देश में एक अप्रैल से खरीद शुरू होती है मगर इस साल 15 अप्रैल के बाद ही खरीदारी में तेजी आई है जबकि मई में अच्छी आवक बनी रहती है। इसलिए इसमें कहीं दो राय नहीं कि इस साल गेहूं की सरकारी खरीद लक्ष्य से ज्यादा होगी।
सरकारी एजेंसियों को गेहूं बेचने में किसानों की दिलचस्पी की एक बड़ी वजह यह है कि अनाज मंडियों में गेहूं का भाव महज 1580-1590 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि सरकारी एजेंसियां न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 1,735 रुपये प्रति क्विंटल पर खरीद रही है।
हालांकि मध्यप्रदेश में गेहूं का बाजार भाव ऊंचा होने से सरकारी खरीद सुस्त है जबकि प्रदेश में 15 मार्च से ही खरीदारी हो रही है।
मध्यप्रदेश के जींस कारोबारी मनोहरलाल खंडेलवाल ने बताया कि मंडियों में किसी भी क्वालिटी का गेहूं 1,700 रुपये प्रति क्विंटल से कम नहीं है, जबकि उच्च क्वालिटी का गेहूं 2,500 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक है। उन्होंने बताया कि इस साल मध्यप्रदेश में गेहूं की पैदावार भी पिछले साल से कम है।
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) की वेबसाइट पर एक मई 2018 को जारी आंकड़ों के मुताबिक, सरकारी एजेंसियों ने देशभर में 270.40 लाख टन गेहूं की खरीद पूरी कर ली है जबकि पिछले साल की समान अवधि के 241.4 लाख टन से 12 फीसदी ज्यादा है। सरकारी एजेंसियों ने सबसे ज्यादा पंजाब में 115.24 लाख टन गेहूं खरीदा है जबकि पिछले साल इस समय तक 106 लाख टन खरीद की जा चुकी थी। इस साल केंद्र ने पंजाब में 119 लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा है जबकि प्रदेश सरकार ने 130 लाख टन खरीद की घोषणा की है।
एफसीआई के एक अधिकारी ने बताया कि आवक की जोर बनी रही तो सरकारी एजेंजियों की खरीद 330 लाख टन तक पहुंच सकती है, लेकिन उससे ज्यादा होने की उम्मीद कम है। उन्होंने बताया कि बिहार में गेहूं की सरकारी खरीद नहीं हो रही है।
हरियाणा में सरकारी एजेंसियों ने 79.96 लाख टन गेहूं की खरीद पूरी कर ली है जबकि केंद्र ने यहां महज 74 लाख टन का लक्ष्य रखा था, जोकि पिछले साल पूरे सीजन की खरीद के लगभग बराबर है।
मध्यप्रदेश में 47.80 लाख टन गेहूं की खरीद हुई है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में 50 लाख टन गेहूं खरीदा जा चुका था। पिछले साल करीब 67 लाख टन गेहूं की खरीद हो पाई थी।
उत्तर प्रदेश में 17.23 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक महज 7.50 लाख टन ही खरीद हो पाई थी।
राजस्थान में में 9.46 लाख टन गेहूं खरीदा जा चुका है जोकि पिछले साल की समान अवधि के 6.90 लाख टन से ज्यादा है। इसी प्रकार अन्य प्रदेशों में पिछले साल से ज्यादा गेहूं की खरीदारी हुई है।
गुजरात में राज्य सरकार की एजेंसियों ने चालू रबी खरीद सीजन में 27,000 टन, उत्तराखंड में 30,000 टन और चंडीगढ़ में 14,000 टन गेहूं की खरीद की है।
राजस्थान के व्यापारियों ने भी बताया कि गेहूं की सरकारी खरीद इस साल तय लक्ष्य से ज्यादा हो सकती है। व्यापारियों ने बताया कि पिछले सरकारी एजेंसियों ने जून तक किसानों से गेहूं खरीदा था।
पिछले साल देशभर में सरकारी एजेंसियों ने 308 लाख टन गेहूं खरीदा था। फसल वर्ष 2017-18 (जुलाई-जून) के रबी सीजन में उत्पादित गेहूं की फसल के लिए केंद्र सरकार ने एमएसपी 1,735 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है।
कृषि मंत्रालय ने इस साल देश में रिकॉर्ड 10 करोड़ टन गेहूं की पैदावार होने का अनुमान लगाया है।
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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत
पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.
शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव
अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।
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